आरयू वेब टीम।
पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली पंचतत्व में विलीन हो गए। अरुण जेटली का रविवार को राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। जेटली के बेटे रोहन ने अंतिम संस्कार की सारी रस्में निभाते हुए चिता को मुखाग्नि दी।
उनके अंतिम संस्कार में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और उनके सैकड़ों प्रशंसक तथा पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस दौरान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, भाजपा के वरिष्ठ नेता एल के आडवाणी, पार्टी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर, भाजपा सांसद विजय गोयल और विनय सहस्रबुद्धे, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, टीएमसी नेता दिनेश त्रिवेदी, योगगुरु रामदेव कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी निगमबोध घाट पर मौजूद रहे।
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इसके अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, बिहार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री क्रमश: देवेंद्र फड़णवीस, विजय रुपाणी, बी एस येदियुरप्पा, नीतीश कुमार और त्रिवेंद्र सिंह रावत भी अंतिम संस्कार में मौजूद रहे।
इससे पहले दिन में उनके पार्थिव शरीर को भाजपा मुख्यालय ले जाया गया। वहां से फूलों से सजी तोप गाड़ी में पार्थिव शरीर निगम बोध घाट लाया गया। इस दौरान ‘जेटली जी अमर रहें’ के नारों से लगाए गए। भाजपा कार्यकर्ता और शोकाकुल लोग सुबह से ही भाजपा मुख्यालय के बाहर जेटली को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कतार में खड़े थे। यमुना नदी के किनारे निगम बोध घाट की ओर से जाने वाली सड़कें जेटली को याद करने वाले पोस्टरों से पटी हुई थीं।
मालूम हो कि 66 वर्षीय जेटली का शनिवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उन्हें नौ अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था।