आरयू वेब टीम।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में शनिवार को निधन हो गया। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे। इस खबर की पुष्टि एम्स के प्रोटोकॉल डिविजन ने करते हुए बताया कि जेटली ने आज दोपहर अंतिम सांस ली।
जेटली को सांस लेने में दिक्कत और बेचैनी की शिकायत के बाद नौ अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उन्हें एम्स में लाइफ सपोर्ट पर कई दिन तक रखा गया और आज यानि कि 24 अगस्त को दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर उन्होंने ने आखिरी सांस ली।
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डॉक्टर ने मीडिया को बताया कि जेटली की तबियत अचानक रात को बिगड़ गई थी। देर रात उनके पेट में संक्रमण फैल गया था। काफी मशक्कत के बाद भी डॉक्टर उनकी रिकवरी करने में नाकामयाब रहे। सुबह कई टेस्ट करने और हैवी डोज देने के बावजूद भी उनका शरीर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था।
गौरतलब है कि मई 2018 में जेटली का अमेरिका में किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। इसके बाद जेटली के बाएं पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया था, जिसके इलाज के लिए वह इसी साल अमेरिका भी गए थे। लोकसभा चुनाव में भाग न लेने और मंत्रालय का प्रभार छोड़ने के पीछे भी उनकी तबीयत ही वजह रही।
एम्स में औपचारिकताओं के बाद जेटली के पार्थिव शरीर को उनके कैलाश कॉलोनी स्थित आवास पर ले जाया गया। रविवार सुबह 10 बजे से उनका पार्थिव शरीर भाजपा मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उसके बाद उनकी अंतिम यात्रा शुरू होगी और निगमबोध घाट में उनका अंतिम संस्कार होगा।
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यहां बताते चलें कि 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें वित्त मंत्री बनाया। कुछ समय तक उन्होंने रक्षा और सूचना और प्रसारण मंत्रालय भी संभाला। अरुण जेटली अटल बिहारी वाजपेयी कैबिनेट में साल 2000 में कैबिनेट मंत्री बने थे। इसके बाद वह राज्यसभा में साल 2009 में नेता विपक्ष भी बने।