लद्दाख पहुंचे रक्षा मंत्री ने BRO की 63 परियोजनाओं का किया उद्घाटन, कही ये बातें

सीमा सड़क संगठन
परियोजनाओं का उद्धाटन कर बोलते राजनाथ सिंह।

आरयू वेब टीम। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद आतंकवादी गतिविधियों में कमी आई है। यहां निवेश लाने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए केंद्र द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। सेना द्वारा आतंकवादियों को आत्मसमर्पण किए जाने का अवसर दिया जाता है। सेना और सुरक्षाकर्मियों की संवेदनशीलता का इससे बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता है।

उक्त बातें सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित 63 बुनियादी परियोजनाओं का उद्घाटन कर कही। उन्होंने कहा कि जिन सड़कों का निर्माण बीआरओ कर रहे हैं वह देश की विकास की गति को बढ़ाने वाले हैं। आज 63 पुल और सड़कों का लोकापर्ण हुआ। ये बीआरओ कर्मियों की सूझबूझ से हुआ है।

इस दौरान उन्होंने बीआरओ की जमकर प्रशंसा की। रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्र में सड़कों, राजमार्गों और पुलों का निर्माण न हो तो राष्ट्र का विकास किसी भी सूरत में संभव नहीं है और ही राष्ट्र सुरक्षित रह सकता है। इसीलिए मैं कहता हूं कि बीआरओ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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राजनाथ सिंह ने कहा कि पांच सालों तक मैं गृहमंत्री रहा हूं। कश्मीर और लद्दाख भी जाना होता था और मैं यहां की परिस्थितियों से वाकिफ हूं। उन्होंने कहा कि 2019 की तुलना में 2020 में आतंकवादियों गतिविधियों में कमी आई है। केंद्र शासित प्रदेश बनाने से पहले हमारा उद्देश्य था कि अमन के हालात पैदा होने चाहिए और यहां किसी को भय नहीं होना चाहिए। साथ-ही-साथ सभी को रोजगार मिलने चाहिए

रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद हमारी सरकार ने रोजगार की दिशा में काफी काम किया है। इस दौरान उन्होंने सरकारी योजनाओं के बारे में भी बताया। सा‍थ ही कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू हो। इसके लिए उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों से बातचीत की है और जल्द ही लद्दाख के लोगों से भी करेंगे। इस दौरान रक्षा मंत्री गलवान घाटी का भी जिक्र किया और शहीदों को नमन किया। उन्होंने कहा कि हमारी सेना के भीतर शौर्य, पराक्रम और संयम भी है। जहां पर संयम की आवश्यकता होती है वहां पर सेना संयम बरतती है।

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