आरयू ब्यूरो, लखनऊ। गुड़ंबा थाना क्षेत्र के शिवानी विहार में युवक ने पत्नी व दो मासूम बच्चों की हत्या कर खुद भी फांसी लगाकर जान दे दी है। शनिवार को एक ही कमरें में चारों की लाश देख इलाके में सनसनी फैल गयी। युवक ने जान देने से पहले अपने चेहरे पर काला कपड़ा डाल रखा था। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस व फॉरेंसिक की टीम ने छानबीन करने के साथ ही शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
बताया जा रहा है कि मूल रूप से वाराणसी के भेलूपुरा (खोजवां) निवासी पिंटू गुप्ता (32) पत्नी आरती (30), बेटे नैतिक (05) व बेटी नेहा (08) के साथ शिवानी विहार स्थित छोटेलाल के मकान में करीब तीन सालों से किराए पर रहता था। पिंटू ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पाल रहा था, जबकि कुछ ही दूरी पर स्थित रेलवे से रिटायर छोटेलाल के दूसरे मकान में काम कर आरती भी उसका हाथ बंटाती थी।
सुबह घटना की जानकारी होने पर दहले लोग
पिंटू छोटेलाल के परिवार के बच्चों को ई-रिक्शे से स्कूल छोड़ने जाता था। आज सुबह नौ बजे तक पिंटू नहीं पहुंचा तो छोटेलाल ने उसे फोन किया, लेकिन बात नहीं हो सकी। जिसके बाद छोटेलाल ने वहीं रह रहे अपने दूसरे किराएदार आशुतोष व शनि को उससे बात कराने के लिए भेजा। दोनों ने पिंटू के कमरे का कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जिसपर उन्होंने खिड़की से झांका तो अंदर का नजारा देख उनके पैरों तलों जमीन खिसक गयी। कमरे में पिंटू का शव फंदे से लटक रहा था।
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किराएदार ने घटना की जानकारी पुलिस के साथ ही इलाके में ही रहने वाले पिंटू के मां-बाप को दी। कुछ ही देर में मौके पर पहुंची गुडंबा पुलिस के साथ ही बूढ़े मां-बाप भी रोते कलपते पहुंचें। पुलिस ने उनके सामने दरवाजा तोड़ा तो अंदर बेड पर कंबल के नीचे मां आरती, मासूम नेहा व नौतिक की लाइन से लाशें पड़ी थी, जबकि पिंटू का शव साड़ी के फंदे के सहारे पंखें के कुंडे से झूल रहा था। पिंटू ने फांसी लगाने से पहले अपने चेहरे पर काला कपड़ा डाल लिया था। वहीं पास में ही तकिया भी पड़ी हुई थी, समझा जा रहा है कि पिंटू ने तकिये से मुंह दबाकर तीनों की हत्या की होगी इसके बाद खुद भी फांसी लगाकर जान दे दी होगी।
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वहीं एक ही घर में चार लोगों की मौत का पता चलते ही पुलिस कमिश्नर सुजीत कुमार पांडेय के अलावा डीसीपी उत्तरी व डीसीपी क्राइम समेत पुलिस के अन्य अधिकारी व फील्ड यूनिट मौके पर पहुंचीं। हालांकि काफी देर की छानबीन के बाद पुलिस को घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पुलिस अंदाजा लगा रही है कि पिंटू ने घरेलू कलह के चलते पूरे परिवार को खत्म किया होगा, हालांकि कुछ लोग पिंटू के दिल दहला देने वाले इस कदम के पीछे आर्थिक तंगी व कर्जे की भी चर्चा कर रहे थे।
रात में खुश था पूरा परिवार, मां-बाप के साथ खाया था खाना
इंस्पेक्टर गुडंबा ने बताया पिंटू के पिता हरिशंकर गुप्ता व मां भी शिवानी विहार में किराए का कमरा लेकर रहते हैं। शुक्रवार की रात पिंटू के मां-बाप उसके घर आए थे और साथ में ही खाना खाया था। मां-बाप के अनुसार रात साढ़े नौ बजे उन लोगों के लौटने तक सबकुछ ठीक था।
नैतिक और नेहा को दादा ने दिए थे दस-दस रुपए
घर से लौटते समय हरिशंकर ने अपने पोती-पोते को दस-दस रुपए भी दिए थे कि सुबह इसे लेकर स्कूल चले जाना, लेकिन उन्हें क्या पता था कि बुढ़ापे का सहारा बनने की जगह पिंटू व उसके बच्चे एक झटके में ही उसका साथ छोड़ जाएंगें।
वहीं घटना की जानकारी लगने पर आज सुबह से ही बेटे समेत उसके पूरे परिवार को खोने के गम में बुजुर्ग दंपत्ति रोते-कलपते रहें। मां-बाप का बस यही कहना था कि अगर कोई दिक्कत थी तो इतना बढ़ा कदम उठाने से पहले एक बार पिंटू ने उन्हें बताया तो होता।
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पुलिस कमिश्नर सुजीत कुमार पांडेय ने बताया कि प्रथम दृष्टतया लग रहा है कि पिंटू ने पत्नी व दोनों बच्चों को मुंह दबाकर मारा होगा। इसके बाद अपने चेहरे पर काला कपड़ा डालकर फांसी लगा लिया होगा। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही घटना के पीछे क्या कारण रहा होगा इस बारे में पता लगाया जा रहा है। पुलिस और फील्ड यूनिट घटना की गहनता से छानबीन कर रही हैं।