आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट की तलख टिप्पणी और रिहाई के आदेश के बाद बुधवार को स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया को लखनऊ जिला कारागार से रिहा कर दिया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर एक वीडियो शेयर करने व आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आदेश में आठ जून को हजरतगंज पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पत्रकार प्रशांत को आज प्रभारी सीजेएम संजय कुमार ने 20-20 हजार रुपये की दो जमानत और 20 हजार का व्यक्तिगत मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया।
साथ ही रिहाई के आदेश के साथ शर्त लगाते हुए कहा है कि प्रशांत कनौजिया पर जिस अपराध का आरोप है वो उसको दोबारा नहीं करेंगे, साथ ही इस मामले से संबंधित किसी गवाह या व्यक्ति को गवाही न देने के लिए धमकी नहीं देगें और न ही साक्ष्यों से छेड़छाड़ करेंगे।
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वहीं आदेश के बाद आज शाम प्रशांत की पत्नी और समर्थक जिला कारागार लखनऊ पहुंचे थे, जहां कागजी कार्यवाही के बाद प्रशांत को रिहा कर दिया गया। जेल से बाहर आने के बाद प्रशांत ने मीडिया से कहा कि उन्हें भारत के संविधान के ऊपर पूरा भरोसा है। मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा कि कहना बहुत कुछ है, लेकिन पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी को विस्तार से पढ़ लें। उसके बाद सारी बातें बताएंगे।
इससे पहले कोर्ट में प्रशांत कनौजिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ ही उसे जमानत पर रिहा करने की मांग वाली अर्जी दी गई। इस पर अभियोजन पक्ष की ओर से कोई विरोध नहीं किया गया। हालांकि, अभियोजन अधिकारी ने कोर्ट को यह जरूर बताया कि कनौजिया पर लगाए गए आरोप अजमानतीय हैं।