फार्मेंसिस्‍ट को होने चाहिए औषधियों का ज्ञान: राज्यपाल आनंदीबेन

एसोचैम

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को राजभवन से धर्म समाज कॉलेज ऑफ फार्मेसी, अलीगढ़ के नवनिर्मित भवन का ऑनलाइन लोकार्पण किया। इस दौरान राज्‍यपाल ने कहा कि भवन में आधुनिक पुस्तकालय, कंप्यूटर कक्ष और अत्याधुनिक कॉन्फ्रेंस हाल सहित सुसज्जित प्रयोगशालाएं शोध करने वाले विद्यार्थियों के लिये महत्वपूर्ण हैं। साथ ही कहा कि फार्मेंसिस्‍ट को कई प्रकार की औषधियों का ज्ञान होना चाहिए, उनके फायद व होने वाले साइड इफेक्ट्स, अंतर क्रिया के साथ उपचार तथा रोग विज्ञान की जानकारी भी आती है। एक अच्छे फार्मेसिस्ट के लिए इन गुणों का होना बहुत जरूरी है, क्योंकि फार्मेसिस्ट को ही चिकित्सकों द्वारा बताई गई दवा को कैसे खाना है, की जानकारी मरीजों को देनी होती है।

राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के रूप में शिक्षण संस्थाओं को अवसर मिला है कि समाज की वर्तमान चुनौतियों के समाधान और भविष्य की जरूरतों के अनुसार शिक्षण व्यवस्था में परिवर्तन कर ऐसा पाठ्यक्रम तैयार करें, जिसमें युवाओं को ज्यादा से ज्यादा जोड़ा जा सके।

राज्यपाल ने आगे कहा कि सामाजिक स्वास्थ्य सेवा के अन्तर्गत औषधियों की उपयोगिता एवं उनके हानिकारक प्रभावों पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। रोजगार की दृष्टि से फार्मेसी संस्थानों का योगदान दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े सभी लोग केंद्र एवं राज्य सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र में चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजनाओं के सफल संचालन में अपना सहयोग देने के लिए तत्पर रहें, ताकि जिनके लिये इस प्रकार की योजना शुरू की गई है, उनको इसका पूरा फायदा मिले और वे स्वस्थ रहकर देश के विकास में अपना सहयोग दे सकें।

यह भी पढ़ें- लखनऊ पहुंचे सेना प्रमुख नरवणे ने कि राज्‍यपाल व सीएम योगी से मुलाकात

राज्यपाल ने कहा कि सांइस और टेक्नालॉजी विकास के लिये बहुत आवश्यक है। देश का सतत विकास इसी पर टिका हुआ है। गरीबी के खिलाफ लड़ाई जीतने और एक समान प्रगति के लिये वैज्ञानिक समुदाय के कार्यों से लाभ उठाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज का समय नई-नई तकनीकियों का है, ऐसे में फार्मेसिस्टों के कार्य क्षेत्र भी बढ़े हैं। इंटरनेट के माध्यम से फार्मेसी कंसलटेंट का कार्य हो रहा है, जो मरीजों को दवाइयों के इस्तेमाल करने के तरीके और उनके इस्तेमाल के नुकसान के बारे में जानकारी देते हैं।

वहीं उन्‍होंने कहा कि सरकार की जन औषधि योजना में जनसाधारण को सस्ती औषधि उपलब्ध कराने में फार्मेसी संस्थानों का प्रमुख योगदान है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचलों में फार्मेसिस्ट की नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा स्वस्थ इंडिया योजना के अंतर्गत मील का पत्थर साबित होगी। शहरी स्वास्थ्य योजना के अन्तर्गत शहर की मलिन बस्तियों के लिए स्वास्थ्य योजनाओं को लागू करने मे फार्मेसिस्टों का सहयोग लिया जाता है। चिकित्सा के क्षेत्र में फार्मेसिस्टों की जिस प्रकार से मांग बढ़ रही है, उससे आने वाले समय में फार्मेसिस्ट ‘हेल्थ केयर सिस्टम’ का एक महत्वपूर्ण अंग होंगे।

यह भी पढ़ें- राज्यपाल आनंदीबेन से मिला सपा का प्रतिनिधिमंडल, ज्ञापन सौंप कर कहा, कोरोना के नाम पर हो रहा भ्रष्टाचार