आरयू इंटरनेशनल डेस्क। पाकिस्तान के कई इलाकों में सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर और वीडियो स्ट्रिमिंग वेबसाइट जूम कई घंटों तक ब्लॉक कर दिया गया। देर रात पाक सरकार ने इन दोनों ही वेबसाइटों पर से ब्लॉक हटा लिया। माना जा रहा है कि बलूचों के ऊपर हो रहे अत्याचार को लेकर हुए ‘साथ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस’ से पाक प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी सेना डर गई और उसने ट्विटर और जूम को ब्लॉक कर दिया।
बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार ट्विटर, उसकी वीडियो स्ट्रिमिंग सर्विस पेरिस्कोप, वर्चुअल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग वेबसाइट जूम को कई घंटों तक के लिए ब्लॉक कर दिया। इंटरनेट पर निगरानी रखने वाली संस्था नेटब्लॉक डॉट ओआरजी ने बताया कि इन दोनों ही वेबसाइटों पर पाक के कुछ चुनिंदा इलाकों में ही रोक लगाई गई थी। वहीं ऐसा करने के पीछे ये भी बताया जा रहा कि पाक में बहुत से ऐसे लोग थे जो इन वेबसाइटों को एक्सेस कर पा रहे थे।
वहीं विश्लेषकों के मुताबिक प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान की सेना बलूचों के ऊपर हो रहे अत्याचार को लेकर आयोजित हो रहे ‘साथ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस’ से डर गई थी। इसी वजह से ट्विटर और जूम को कई घंटों तक के लिए बंद कर दिया। साथ फोरम की स्थापना अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी और स्तंभकार मोहम्मद ताकी ने की है।
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गौरतलब है कि रविवार को साथ फोरम ने ऐलान किया था कि वे लोग वर्चुअल कॉन्फ्रेंस करेंगे जिसमें बलूच पत्रकार सज्जाद हुसैन और पश्तून तहाफुज मूवमेंट के नेता आरिफ वजीर की रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या शामिल है। इस फोरम में नबी बख्श बलोच, गुल बुखारी, अहमद वकास गोराया, ताहा सिद्दीकी समेत कई चर्चित लोगों को बोलना था। गोराया ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी अधिकारी देश में जूम को ब्लॉक कर रहे हैं ताकि पाकिस्तान में रह रहे लोग इस कॉन्फ्रेंस में जुड़ न पाएं।
साथ ही गोराया ने ऐलान किया कि जल्द ही इस पूरे कॉन्फ्रेंस का वीडियो जारी किया जाएगा क्योंकि ट्विटर और जूम को ब्लॉक कर दिए जाने की वजह से जनता इस कॉन्फ्रेंस से नहीं जुड़ पाई थी। बाद में पाक सरकार ने ट्विटर और जूम पर लगाए गए ब्लॉक को हटा लिया। इमरान सरकार ने अभी तक इस सेंसरशिप की आधिकारिक वजह नहीं बताई है।