PM मोदी ने किया स्काईरूट के पहले रॉकेट विक्रम-I का अनावरण

रॉकेट विक्रम-I
स्काईरूट कार्यक्रम में बोलते पीएम मोदी।

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हैदराबाद में भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का उद्घाटन किया। साथ ही स्काईरूट के पहले ऑर्बिटल रॉकेट, विक्रम-I का भी अनावरण किया, जिसमें उपग्रहों को कक्षा में प्रक्षेपित करने की क्षमता है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सरकार के अंतरिक्ष सुधारों का जिक्र किया और कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी व्यक्तियों के लिए खोलने के परिणाम स्वरूप स्काईरूट और अन्य कंपनियां ऐसे इनोवेशन के साथ सामने आई हैं।

साथ ही कहा कि आज भारत के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में निजी क्षेत्र तेजी से उभर रहा है। उन्होंने कहा कि 300 से ज्यादा अंतरिक्ष स्टार्टअप इस क्षेत्र को नई उम्मीदें दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ ‘इनफिनिटी कैंपस’ भारत की नयी सोच, नवाचार और विशाल युवा शक्ति का प्रतिबिंब है। युवाओं का इनोवेशन, जोखिम उठाने की क्षमता और उद्यमिता नई ऊंचाइयों को छू रही है।’’

मोदी ने कहा कि आज देश का अंतरिक्ष क्षेत्र वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बन रहा है और भारत की निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रतिभा दुनियाभर में अपनी पहचान बना रही है। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की यात्रा का वर्णन उसके प्रारंभिक चरण- जहां रॉकेट के भागों को साइकिल पर ले जाया जाता था – से लेकर ‘‘सबसे विश्वसनीय प्रक्षेपण यान’’ के निर्माण तक किया। उन्होंने कहा कि यात्रा भले ही सीमित संसाधनों के साथ शुरू हुई हो लेकिन विकास ने साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प ही सपनों को पूरा करता है। ‘‘इसलिए हमने अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किए हैं, इसे निजी क्षेत्र के लिए खोला है, नई अंतरिक्ष नीति बनाई है। स्टार्टअप और उद्योग को नवाचार से जोड़ा गया है, ‘इन-स्पेस’ की स्थापना की गई है।’’

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दरअसल अत्याधुनिक सुविधा में लगभग 2,00,000 वर्ग फुट का कार्यक्षेत्र होगा जहां बहु- प्रक्षेपण यानों के डिजाइन, विकास, एकीकरऔर परीक्षण के लिए हर महीने एक ऑर्बिटल रॉकेट बनाने की क्षमता होगी। स्काईरूट भारत की अग्रणी निजी अंतरिक्ष कंपनी है, जिसकी स्थापना पवन चंदना और भरत ढाका ने की है। दोनों ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पूर्व छात्र और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक हैं जो अब उद्यमी बन गए हैं।

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