आरयू वेब टीम। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को महिला सुरक्षा को लेकर एक बड़ी बात कही है। उनका कहना है कि पॉक्सो कानून के अधीन आने वाली घटनाओं के दोषियों को दया के अधिकार से वंचित किया जाना चाहिए, उन्हें इस तरह का अधिकार दिए जाने की कोई जरूरत नहीं है।
यह भी पढ़ें- पॉक्सो एक्ट संशोधन की प्रक्रिया शुरू, अब 12 साल की बच्ची से रेप पर मिलेगी सजा-ए-मौत
ये बातें राष्ट्रपति ने आज माउंट आबू में ब्रह्मकुमारी के मुख्यालय में सामाजिक परिवर्तन के लिए महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन कर कही। महिलाओं व बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘इस तरह के जो अभियुक्त होते हैं उन्हें संविधान में दया याचिका अधिकार दिया गया है। और मैंने कहा है कि इस पर आप पुनर्विचार करिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पोक्सो एक्ट के तहत आने वाली घटनाओं में उनको (दोषियों को) दया याचिका के अधिकार से वंचित कर दिया जाए। उन्हें इस प्रकार के किसी भी अधिकार की जरूरत नहीं है। इस बारे में कदम संसद को उठाना है।
यह भी पढ़ें- उन्नाव रेप मामले में विधायक सेंगर के खिलाफ ‘पॉक्सो’ के तहत आरोप तय, लगीं ये धाराएं
रामनाथ कोविंद ने आगे कहा, अब यह सब हमारी संसद पर निर्भर करता है। उसमें एक संविधान है और उसमें संशोधन, लेकिन उस दिशा में हम सब की सोच एक आगे बढ़ रही है।
उन्होंने आगे कहा महिला सुरक्षा एक बहुत ही गंभीर विषय है। इस विषय पर बहुत काम हुआ, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। बेटियों पर होने वाले आसुरी प्रहारों की वारदातें देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख देती हैं। लड़कों में ‘महिलाओं के प्रति सम्मान’ की भावना मजबूत बनाने की जिम्मेदारी हर माता-पिता की है, हर नागरिक की है, मेरी है, आपकी है।