आरयू ब्यूरो, लखनऊ। दबिश व बवाल नियंत्रण समेत अन्य मौकों पर पुलिस पर बढ़ रहे हमलो को देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी एचसी अवस्थी ने आज मातहतों के लिए खास निर्देश जारी किए हैं। साथ ही डीजीपी ने अपनी पुलिस को भी जनता के साथ व्यवहार सही रखने व कानून के तहत काम करने को भी कहा है।
डीजीपी के निर्देश के अनुसार थानाध्यक्ष की यह जिम्मेदारी तय की गई है कि जब भी उनके अधीनस्थ कानून-व्यवस्था की किसी स्थिति से निपटने या किसी अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए दबिश को जाएं तो वह दंगारोधी उपकरणों से लैस होकर ही जाएं।
एचसी अवस्थी ने कहा है कि अगर दंगा-रोधी उपकरणों का उपयोग न करने के कारण कोई पुलिसकर्मी घायल होता है तो संबंधित थानाध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। साथ ही निर्देश दिया है कि जिन स्थानों पर पूर्व में पुलिस बल पर हमले की घटनाएं हुई हैं वहां पर्याप्त पुलिस बल के साथ जाएं। उन्होंने पुलिस पर हमलों के वांटेड अभियुक्तो की तेजी से गिरफ्तारी करने तथा लंबित विवेचनाओं का गुणदोष के आधार पर पुष्टिपरक साक्ष्य एकत्र कर समयबद्ध निस्तारण करने का निर्देश भी दिया है।
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इसके अलावा डीजीपी ने आज पुलिसकर्मियों को सतर्कता बनाए रखने, निष्पक्ष ढंग व कानून के हिसाब से काम करने एवं उत्तम आचरण बनाए रखने की कड़ी हिदायत भी दी है। एचसी अवस्थी ने कहा है कि अगर किसी पुलिसकर्मी द्वारा असंवैधानिक, अनैतिक या गैर कानूनी काम किया गया तो वरिष्ठ अधिकारियों का दायित्व होगा कि ऐसे पुलिसकर्मियों को चिह्नित करते हुए कानूनी कार्रवाई करें जिससे उत्पन्न होने वाले जनाक्रोश को नियंत्रित किया जा सके।
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साथ ही डीजीपी ने अपने पत्र में पुलिसकर्मियों को आइना भी दिखाया है। उन्होंने कहा है कि कई बार पुलिस पर हमले की घटनाएं अपराधी तत्वों द्वारा अपने बचावस्वरूप अंजाम दी जाती है, लेकिन कभी-कभी हत्या, अपहरण, बलात्कार एवं सड़क दुर्घटना आदि के मामलों में सामयिक, निष्पक्ष एवं त्वरित कार्रवाई पुलिस के द्वारा न किए जाने के कारण भी होती हैं। इसी तरह गुंडों व असामाजिक तत्वों के विरुद्ध सामयिक एवं सख्त कार्रवाई न करने के कारण एवं उनका मनोबल बढ़े होने के कारण भी पुलिस पर हमले की घटनाएं होती हैं।