आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। शहीदों के सम्मान में जो भी कर दिया जाए कम है। उन्होंनें प्रदेश सरकार का मान बढ़ाया है। हमारी सरकार इनके परिवारवालों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी। वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही इनके परिवार को मिलने वाली सहायता राशि को दुगाना करने का सरकार ने फैसला लिया है। इसके चलते अब शहीदों के परिवारवालों को 40 लाख रुपए की सहायता राशि के साथ ही शहीदों के मां-बाप को भी पांच-पांच लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।यह बातें आज पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।
सीएम ने कहा एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि पुलिस विभाग की सभी इकाईयों को मिलने वाला सराहनीय पदक की संख्या 200 से बढ़ाकर 950 किया जा रहा है। 950 पुलिसकर्मियों को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर अलंकृत किया जाएगा। एक पुलिसकर्मी सेवाकाल में अधिक से अधिक तीन बार अलंकृत हो सकेगा। साथ ही समय के अनुसार अब पुलिसकर्मियों का वाहन और पौष्टिक आहार भत्ता भी बढ़ाया जाएगा।
वहीं मुख्यमंत्री ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि पुलिस विभाग में 400 मृतक परिवारों को नौकरी दी गयी है। यूपी 100 को बेहतर बनाने के लिए पदों को बढ़ाया जा रहा है। अपराध मुक्त, भय मुक्त प्रदेश बनाने के लिए पुलिस विभाग को छूट दी गयी। प्रदेश में त्यौहारों पर बेहतर सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करायी जा रही। सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है, प्रदेश में पुलिस की मित्र छवि बनाने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान पुलिस की अपराधियों से 545 मुठभेड़ हुई है, जिसमें 22 इनामी अपराधी मारे गए हैं।
चुनौतियों की बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आतंकवादी संगठन भी कानून-व्यवस्था को प्रभावित करते है। वहीं साइबर अपराधी प्रदेश में बढ़े है। जिनसे निपटने के लिए लखनऊ और गाजियाबाद में साइबर थाने बनाएं गए हैं। सोशल मीडिया पर भी सरकार नजर बनाए हुए है।
उन्होंने एसटीएफ और एटीएस की तारीफ करते हुए भी कहा कि दोनों का प्रदेश की कानून-व्यवस्था समेत दूसरे मामलों में भी सराहनीय योग्दान रहा है। वहीं प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। जनता के मन मे सुरक्षा की भावना को और बढ़ाया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिवार वालों से मुलाकात करने के अलावा। पुलिस स्मति पर पुष्प चक्र भी अर्पित किया।
इस दौरान डीजीपी सुलखान सिंह, एडीजी लखनऊ अभय कुमार पाण्डेय, एडीजी पीएसी राजकुमार विश्वकर्मा, आईजीए लखनऊ जयनारायण सिंह, आईजी पीएसी ए सतीश गणेश, एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार, एएसपी नार्थ अनुराग वत्स समेत तमाम पुलिस व प्रशासनिक अफसर मौजूद रहें।
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