आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। 10 फरवरी को प्रदेश भर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन कर सुलह योग्य वादों का निस्तारण किया जाएगा। जिसमें आपराधिक शमनीय वाद, धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के वाद, बैंक वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर के वाद, श्रम मामलों के वाद, विद्युत बिल तथा जल कर वाद, पारिवारिक/वैचारिक मामले, भूमि अधिग्रहण वाद, सेवा/वेतन संबंधी वाद, राजस्व वाद तथा अन्य दीवानी वादों को सुलह समझौते से हल किए जाएंगे।
यह जानकारी आज प्रदेश के विधायी एवं न्याय, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत तथा राजनैतिक पेंशन मंत्री ब्रजेश पाठक ने एनेक्सी स्थित मीडिया सेंटर में राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन के बारें में बताते हुए पत्रकारों को दी।
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उन्होंने कहा है कि योगी सरकार लोक अदालतों के माध्यम से वादकारिर्यों को त्वरित एवं सस्ता न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में लंबित वादों की संख्या में प्रभावी कमी सुनिश्चित करने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है। उच्चतम न्यायालय से लेकर तहसील स्तर तक समस्त न्यायालयों, अधिकरणों, निकायों, फोरम शासकीय संस्थानों आदि में लोक अदालत लगाई जाएगी।
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इसके साथ ही ब्रजेश पाठक ने बताया कि सुलह योग्य वादों में यदि पक्षकार पारस्परिक सद्भावना के अधीन सुलह हेतु इच्छुक होंगे, ऐसे मामले भी लोक अदालत में लिए जाएंगे। लोक अदालत के फैसलों के विरुद्ध किसी भी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती है। लोक अदालत में समझौते के माध्यम से निस्तारित मामलों में अदा की गई कोर्ट फीस भी लौटा दी जाती है।