कृषि निदेशालय में शिकायत पर योगी के मंत्री ने मारा छापा, हड़कंप, देखें तस्वीरें

कृषि विभाग
कृषि निदेशालय का औचक निरीक्षण कर रजिस्टर की जांच करते कृषि मंत्री।

आरयू ब्यूरो, 

लखनऊ। कृषि निदेशालय में अधिकारियों और कर्मचारियों के समय पर न बैठने की लगातार मिलने वाली शिकायतों पर आज दस बजे सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि निदेशालय का औचक निरीक्षण किया। विभाग में पहुंचते ही कृषि मंत्री ने निदेशालय के सभी गेट को अंदर से बंद करवाकर उनमें ताले लगवा दिए और पूरे निदेशालय का दौरा किया।इस दौरान उनके साथ राज्य मंत्री कृषि रणवेन्द्र प्रताप सिंह व विशेष सचिव डा. ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी भी मौजूद रहें।

कृषि निदेशालय
विभागों का निरीक्षण करते कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही साथ में अन्य ।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने एक-एक अधिकारी और कर्मचारी की उपस्थिति की जांच की। मंत्री के निरीक्षण की सूचना पाकर विभाग में हड़कंप मच गया। जैसे-तैसे लोग निदेशालय पहुंचे लेकिन गेट पर ताला लगा होने के कारण विभाग के अंदर नहीं जा सके। गेट के बाहर खड़े अधिकारियों व कर्मचारियों को देख, देर से स्कूल पहुंचने वाले बच्चों जैसा नजारा देखने को मिला।

कृषि विभाग
देर से विभाग पहुंचे अधिकारियों व कर्मचारियों गेट पर लगा मिला ताला।

वहीं जांच के दौरान कृषि मंत्री ने पाया कि दर्जनों अधिकारी और कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंचे हैं। कुछ विभाग में खाली पड़ी टेबल कुर्सी अधिकारियों की उनके काम प्रति संजीदगी बयान कर रही थी। इस अराजक स्थिति को देख कृषि मंत्री ने दफ्तर से नदारद लोगो का तत्काल वेतन काटने का निर्देश दे दिया।

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मंत्री के छापे के दौरान 697 में से 130 कर्मचारी व अधिकारी अनुपस्थित पाए गए। इस दौरान अधिकारियों को सूर्य प्रताप शाही ने निर्देश दिए कि कर्मचारियों की उपस्थिति शतप्रतिशत सुनिश्चित की जाए। वहीं बिना सूचना के अनुपस्थित व देर से कार्यालय आने वालों के खिलाफ उन्‍होंने सख्‍त कार्रवाई करने की बात कही है।

कृषि विभाग
खाली पड़ी टेबल कुर्सी बयान कर रही थी अधिकारियों की उनके काम प्रति संजीदगी।

गंदगी देख भड़के

इसके साथ ही कृषि निदेशालय के वॉशरूम में पान-मसाले से फैली गंदगी को देखते हुए जिम्मेदारों को फटकार लगाने के साथ ही कृषि मंत्री ने कहा कि पान-मसाला खाकर थूकते हुए पाए जाने पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाए, यदि व्यक्ति पकड़ में नहीं आता है तो एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिलसर पर 500 रुपए पर जुर्माना लगाया जाए। साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों के वरिष्ठ अफसरो से भी स्पष्टीकरण तलब किया है।

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