आरयू ब्यूरो, लखनऊ। गुरु गोबिंद सिंह महाराज शहीद पिता के पुत्र हैं और शहीद पुत्रों के पिता भी हैं। गुरु तेग बहादुर ने देश व धर्म के लिए शहादत दी। गुरु तेग बहादुर सिंह ने अपना शीश दिया, लेकिन भारत का शीश बचा दिया। कश्मीर को बचाया, जो आज भी भारत का हिस्सा है।
उक्त बातें सोमवार को सोमवार को डीएवी कॉलेज में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व में शामिल होकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज उस समय गुरु तेग बहादुर महराज को प्रेरित कर रहे थे कि देश व धर्म पर संकट है, यदि किसी महान आत्मा का बलिदान होगा तो जो विधर्मी हमारे देश व धर्म को नष्ट करते हुए उतावले दिखाई दे रहे हैं, वे बेनकाब होंगे और देश इसके खिलाफ खड़ा होगा। महान बलिदान के लिए आपसे उपयुक्त कौन हो सकता है।
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सीएम ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों से आगे बढ़ते हुए सब कुछ खोने के बाद भी गुरु गोबिंद सिंह ने एक ही बात कही कि चार मुए तो क्या हुआ, जीवित कई हजार… यह मंत्र आज भी पूरे भारत के लिए नई प्रेरणा है। ‘सवा लाख से एक लड़ाऊं, तब गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं…’ गुरु परंपरा के प्रति श्रद्धा का यह भाव नई ऊर्जा का संचार और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
छूआछूत खत्म करने के लिए की खालसा पंथ की स्थापना
वहीं योगी ने आज यह भी कहा कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने जातिभेद, छूआछूत की भावना को सर्वथा समाप्त करने और देश-धर्म को बचाने के लिए खालसा पंथ की स्थापना की थी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह, डॉ. गुरमीत सिंह, डॉ. अमरजीत सिंह, राजेंद्र सिंह बग्गा, डॉ. हरजोत सिंह, सतनाम सिंह सोढ़ी, सरदार दलजीत सिंह, पार्षद राजू गांधी, सरदार त्रिलोचन सिंह मौजूद रहे।