प्रवर्तन में टाइमपास व अवैध निर्माण की ठेकेदारी करने वालों पर उपाध्‍यक्ष हुए सख्‍त, महीने में 125 स्‍थल निरीक्षण के बाद ही JE को मिलेगी सैलरी, जोनल को भी निपटाने होंगे 60 मामले  

एलडीए

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण व उसके मुखिया की सबसे ज्‍यादा बदनामी कराने वाले अवैध निर्माण पर कार्रवाई को लेकर एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने एक बार फिर से सख्‍त रुख अपनाया है। वीसी ने निर्माणकर्ता से मिलीभगत कर अवैध निर्माण कराने का ठेके लेने वाले चर्चित इंजीनियर, अफसर व कर्मियों के अलावा खामोशी व शातिराना ढ़ग से अवैध निर्माण के खेल को बढ़ावा देने वाले मातहतों को भी आज चेतावनी देते हुए सुधरने या फिर कार्रवाई झेलने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। साथ ही प्रवर्तन में तैनाती के दौरान टाइमपास और भ्रष्‍टाचार करने वालों को भी “नो वर्क, नो पे” की तर्ज पर टारगेट दिया है।

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उपाध्‍यक्ष शनिवार को एलडीए में प्रवर्तन अनुभाग के अफसर-इंजीनियरों के साथ बैठक कर रहें थे। जिसमें उन्‍होंने “नो वर्क, नो पे” की तर्ज पर लक्ष्‍य तय करते हुए कहा कि प्रवर्तन के सभी जेई को अब एक महीने में कम से कम 125 स्थलों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देनी होगी। इस क्रम में सहायक अभियंता व जोनल अधिकारियों को अवैध निर्माण की रैंडम चेकिंग तथा विहित प्राधिकारियों को भी हर महीने अवैध निर्माण के 60 वाद निस्तारित करने होंगे।

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अधिष्‍ठान को जोनल बताएंगे इंजीनियर ने किया टारगेट पूरा

इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अवर अभियंताओं को हर दिन पांच स्थलों के हिसाब से प्रतिमाह 125 स्थलों का निरीक्षण करके जोनल अधिकारी को अपनी रिपोर्ट देनी होगी। वहीं, सहायक अभियंताओं को इनमें से 20 प्रतिशत स्थलों का निरीक्षण खुद करना होगा। जिसके बाद जोनल अधिकारी अधिष्ठान अनुभाग को यह प्रमाण पत्र देंगे कि संबंधित इंजीनियर ने अपना टारगेट पूरा कर दिया है, उनका वेतन जारी कर दिया जाए।

रैण्‍डम चेकिंग कर उपाध्‍यक्ष को रिपोर्ट देंगे जोनल अधिकारी

साथ ही उपाध्यक्ष ने यह भी बताया कि इसी तरह जोनल अधिकारी को जेई व एई द्वारा किये गये निरीक्षणों के पांच प्रतिशत स्थलों की रैण्डम चेकिंग के साथ ही आवासीय स्वीकृत प्लान में अनावासीय निर्माणों का दस प्रतिशत निरीक्षण कर उनके समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

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प्राथमिकता पर करना होगा भू-उपयोग से जुड़े मामलों का निस्तारण

वीसी ने कहा कि आज बैठक के दौरान विहित प्राधिकारियों से मुकदमों के निस्तारण के संबंध में भी उन्‍होंने जानकारी ली, जिनमें मुकदमों के निस्तारण की स्थिति संतोषजनक नहीं मिली। इस पर विहित प्राधिकारियों को भी हर महीने 60 मुकदमों का निस्तारित करने का टारगेट दिया गया है। इसमें भी भू-उपयोग से जुड़े मामलों का निस्तारण उन्‍हें प्राथमिकता के आधार पर करना होगा।

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वहीं बैठक के दौरान उपाध्यक्ष ने सख्त हिदायत दी कि अवैध निर्माण में साठगांठ की शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी, इंजीनियर व कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

हर शनिवार की बैठक में मौजूद रहना अनिवार्य

इसके अलावा इंद्रमणि त्रिपाठी ने आज यह भी निर्देश दिया कि प्रवर्तन अनुभाग के कामों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक हर शनिवार को की जाएगी। जिसमें जिसमें जोनल अधिकारी, सहायक अभियंता, जेई, पेशकार, सुपरवाइजर व मेट आदि को सूचनाओं के साथ जरूर से मौजूद रहना होगा।

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