आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बंगले में हुई तोड़फोड़ के बाद शुरू हुआ विवाद अब बढ़ता जा रहा है। राज्यपाल ने मंगलवार को जहां इस मामले में कारवाई के लिए सीएम को पत्र लिखा। वहीं बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर योगी सरकार पर हमला बोलने के साथ ही राज्यपाल को भी अपने निशाने पर लिया।
प्रेस कांफ्रेंस में टोटी लेकर पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा कि मैं सारी टोटियां देने का तैयार हूं ताकि नफरत कम हो जाए। ये टोटियां बीजेपी को देना चाहता हूं, ताकि उनकी नफरत कम हो जाए।
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अखिलेश ने बंगले में तोड़फोड़ को एक साजिश बताते हुए कहा कि मीडिया ये पता करें कि उनसे पहले वहां कौन लोग पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया के पहुंचने से पहले सीएम के ओएसडी अभिषेक और आइएएस मृत्युंजय नारायण बंगले में पहुंचे थे। आरएसए, पीडब्ल्यूडी की टीएम वहां गई थी।
अखिलेश ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर सीधे ऊंगली उठाते हुए कहा कि कल को हमारी सरकार बनी तो हो सकता है कि यही अफसर ये दिखा दें कि बंगले में चिलम मिला है। सामान ले जाने की बात पर कहा कि स्टेडियम था तो मेरा था, स्टील स्ट्रक्चर इसीलिए बनाया था कि कल को कहीं जाना पड़े तो मैं हटा सकूं। जो मेरा सामान था वहीं ले गया।
बंगले में नहीं था स्वीमिंग पूल
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग प्यार में अंधे होते हैं, लेकिन गुस्से और जलन में कितने अंधे होते हैं, वो अब मैंने देखा है। जिन्हें नफरत होती है वे ही ऐसा करते हैं। बंगले में स्वीमिंग पूल होने और उसे पाटने की बात को भी अखिलेश ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि बंगले में स्वीमिंग पूल था ही नहीं।
मीडिया पर भी साधा निशाना
इस दौरान अखिलेश ने मीडिया को भी अपने निशाने पर लिया। पूर्व सीएम ने मीडिया को नसीहत देते हुए कहा कि कम से कम जो सही था वो तो दिखाते। बंगले में स्वीमिंग पूल दिखा दिया गया। उन्होंने कहा कि मुझे तो सरकार की रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे पता चले कि मैंने सरकारी संपत्ति को कितना नुकसान पहुंचाया है।
राज्यपाल में आ जाती है RSS की आत्मा
इस दौरान अखिलेश ने राज्यपाल की बात करते हुए कहा कि बंगले के मुद्दे पर सोये हुए लोग भी जाग गए। कहा कि जांच के बाद जल्द ही राज्यपाल जी को सच्चाई का पता चल जाएगा। वह अच्छे आदमी हैं, उन्हें संविधान के हिसाब से बोलना चाहिए, लेकिन उनमें कभी-कभी आरएसएस की आत्मा आ जाती है।
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