आरयू ब्यूरो
लखनऊ। सपा सरकार के सत्ता से बेदखल होने और नई सरकार के गठन से पहले बड़ी घोटालेबाजी होने की आशंका पर रोक लगाने के लिए आज प्रमुख सचिव आवास सदाकांत ने एक अर्जेंट लेटर लखनऊ विकास प्राधिकारण के उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह यादव समेत आवास विकास परिषद आयुक्त, व प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरण के मुखिया को भेजा गया है।
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चार बिन्दुओं पर आधारित है पत्र
चार बिन्दुओं पर आधारित इस पत्र में नए टेंडर न करने, स्थगित टेंडरों की स्थिति बनाए रखने, नए कार्य न करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही भुगतान के संबंध में निर्देश दिए गए हैं कि जो काम 75 प्रतिशत से अधिक हो चुका हो उनके भुगतान समेत अन्य प्रक्रिया नियमानुसार पूरी की जाए। इसमें किसी भी प्रकार की शिकायत या आलोचना का अवसर किसी को नहीं मिलना चाहिए। सभी काम पारदर्शी तरीके से हो।
जनहित में लिया गया निर्णय
प्रमुख सचिव आवास ने कहा कि इस समय एक ओर जहां नई सरकार बन रही है, वहीं दूसरी ओर वित्तीय वर्ष के समाप्ति का भी समय है। इस संक्रमण की अवधि में यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा जनहित में लिए गए हैं।
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उपाध्यक्ष के नाम लिखे गए लेटर में उन्होंने घोटालों के साथ ही राजधानी वासियों के घर तक में सुकून छीनने के लिए चर्चित एलडीए को विशेष रूप से निर्देश देते हुए कहा कि लखनऊ विकास प्राधिकरण अपनी पुरानी कार्यप्रणाली का त्याग कर दें। इस समय वह विशेष सावधानी बरतें।
…तो राज्य सरकार को दे इसकी जानकारी
इतना ही नहीं किसी नई पैतरेबाजी से विभाग को दिवालिया होने से बचाने के लिए उन्होंने यहां तक निर्देश दे दिया कि इसके बाद भी अगर कोई मार्गदर्शन की आवश्यकता हो तो राज्य सरकार को इसकी जानकारी दें। ताकि सक्षम स्तर से निर्णय कराया जा सके।
जुगाड़ू मुखिया के नाम लेटर पहुंचते ही एलडीए में हडकंप
सपा सरकार में जोड़-जुगाड़ के दम पर लखनऊ विकास प्राधिकरण का दूसरी बार चार्ज संभाल रहे उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह यादव के नाम पर इस लेटर के पहुंचते ही एलडीए में हड़कंप मच गया। बदलावा के समय में घोटालों की नई इबारत लिखने के लिए तैयार बैठे अफसरों के चेहरे लटक गए।
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हालांकि लंबे समय से एलडीए में तरह-तरह के घोटाले देख चुके एलडीए के विवस्त सूत्रों का दावा है कि अपनी मंशा पूरी करने के लिए एलडीए के अफसर प्रमुख सचिव आवास के इस लेटर का भी काट निकाल लेंगे।
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फिलहाल यह तो भविष्य में ही पता चल पाएगा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ होने का नारा देकर प्रदेश की सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी के समय में एलडीए के नटवरलाल कितनी पैंतरेबाजी करने में सफल होते है।
एलडीए राज्य स्तर की संस्था होने के साथ ही प्रदेश की राजधानी में है। इस पर सभी की निगाह रहती है, इसलिए विशेष निर्देश जारी किए गए। इसके अलावा आचार संहिता खत्म होने के बाद से एक भी नया काम नहीं किया गया है। एलडीए उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह यादव