एलडीए की जनता अदालत में उमड़े रिकॉर्ड 104 फरियादी, वीसी से कहा इंजीनियरों के जुल्‍म से बचाइये साहब

जनता अदालत
फरियादियों की बात सुनते लविप्रा के अधिकारी।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। अधिकारियों के लाख दावों के बावजूद एलडीए की जनता अदालत में फरियादियों की संख्‍या कम होने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को जनता अदालत के पुराने सभी रिकॉर्ड को तोड़ते 104 फरियादियों ने अपनी शिकायत दर्ज कराकर अधिकारियों के सामने राहत के लिए गुहार लगाई, हालांकि मात्र दो फरियादियों को ही राहत मिल सकी।

जानकीपुरम के मोहिद्दीपुर निवासी राम रतन ने जनता अदालत में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि 35 साल पहले सीतापुर रोड योजना के लिए उसकी जमीन एलडीए ने ली थी, जिसका पूरा मुआवजा उसे आज तक नहीं मिल सका है। फरियादी ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि बीते 14 दिसंबर को मोहिद्दीपुर पहुंचे एलडीए के एई एके मिश्रा और जेई अशोक बंसल ने उससे पैसों की मांग की थी, जिसे पूरा नहीं करने पर इंजीनियरों ने उसके गैराज को बिना किसी आदेश के  गिरवा दिया, जिससे उसमें खड़े वाहन भी क्षतिग्रस्‍त हो गए। जबकि उस इलाके व आसपास के क्षेत्र के दर्जनों अवैध कब्‍जेदारों को वसूली करने के बाद उनपर बिना कार्रवाई किए ही इंजीनियर व कर्मचारी जेसीबी लेकर लौट गए।

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राम रतन ने आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि लाखों रुपए के नुकसान के बाद वह उक्‍त जमीन पर टीन शेड डालकर अपने परिवार का पेट-पालने का प्रबंध ही कर रहा था कि 16 जनवरी को एलडीए के कर्मचारी फिर आ धमके और पैसा नहीं देने पर दोबारा सबक सिखाने की बात कहकर चले गए। इन हालात में एलडीए के अधिकारी अपने इंजीनियर और कर्मचारियों के जुल्‍म से उसको बचाएं। जनता अदालत में गुहार लगाने के बाद राम रतन ने बताया कि उसने एलडीए वीसी के सामने अपना दर्द और इंजीनियरों के दबंगई की बात बताई है, राहत नहीं मिलने पर वो डीएम और कमिश्‍नर से भी इसकी शिकायत करेंगेे। वहीं एई एके मिश्रा ने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से नकार दिया है।

रजिस्‍ट्री के लिए 13 साल से भटक रहा आवंटी

गोमतीनगर निवासी सुन्‍दर लाल ने कहा कि 13 साल पहले एलडीए ने उन्‍हे गोमतीनगर विस्‍तार के सेक्‍टर छह के भूखण्‍ड संख्‍या 931 को आवंटित किया था, बाद में उसकी संख्‍या बदलकर 1006 कर दी गयी, लेकिन पैसा जमा करने के बावजूद आज तक न तो उन्‍हें भूखण्‍ड पर कब्‍जा मिला और न ही उनके प्‍लॉट की एलडीए ने रजिस्‍ट्री की। सुन्‍दर लाल ने कहा कि 13 साल तक भटकने के बाद अब वो पूरी तरह से परेशान हो चुके हैं, अगर प्‍लॉट में कोई विवाद है तो एलडीए अधिकारी सहानुभूति पूर्वक उनके मामले में विचार करते हुए उन्‍हें कोई दूसरे भूखण्‍ड आवंटित कर दें।

ध्‍वस्‍तीकरण के आदेश के बावजूद चल रहा अवैध निर्माण, दहशत में पड़ोसी

जनता अदालत में पहुंची कुण्‍डरी रकाबगंज निवासी रेनू शुक्‍ला ने कहा कि उनका पड़ोसी चार मंजिला अवैध निर्माण करा रहा है, जबकि अगस्‍त 2017 में ही उक्‍त निर्माण को गिराने का आदेश हो चुका है, लेकिन एलडीए भवन को गिराने तो दूर वर्तमान में चल रहे अवैध निर्माण को भी नहीं रोक रहा है। वहीं भवन में अवैध बेसमेंट भी बनाया गया है, बेसमेंट निर्माण के दौरान उनके मकान की दीवार भी क्षतिग्रस्‍त कर दी गयी है, जिसके चलते उनके भवन को भारी नुकसान का खतरा बना रहता है, जिसकी वजह से उनका परिवार दहशत में है। वहीं भवन की चारों दिशाओं में करीब चार से छह फिट के छज्‍जे भी अवैध रूप से निकाले गए हैं, जिससे उनके घर में आने वाली धूप और हवा भी बाधित हो गयी है।

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ये तीन मामले तो महज बानगी है ऐसे ही सौ से ज्‍यादा फरियादी कब्‍जा, अवैध कब्‍जा, रजिस्‍ट्री, फ्री होल्‍ड, अवैध निर्माण, घूसखोरी, पार्कों की बदहाली, अपार्टमेंट में बिजली व पानी नहीं होने जैसी शिकायतें लेकर एलडीए पहुंचे थे, इनमें ज्‍यादातर ऐसे आवंटी थे जो पहले भी अपनी शिकायतों को एलडीए के अधिकारियों के सामने रख चुके थे। वहीं निराश लौट रहे फरियादियों का कहना था कि जनता अदालत के कई बाद चक्‍कर लगाने के बावजूद जब अधिकारी लोगों को राहत ही नहीं दे सकते हैं तो ऐसी जनता अदालत लगाने का क्‍या फायदा।

फरियादियों ने ही नहीं अधिकारियों ने भी बनाया रिकॉर्ड, पहली बार जारी नहीं किया गया प्रेस नोट

पहली बार जनता अदालत में आज इतनी बड़ी संख्‍या में आए फरियादियों ने जहां अधिकारियों के नाम एक अनचाहा रिकॉर्ड बना दिया। वहीं एलडीए ने भी जनता को राहत देने के मामले में अपने निराशाजनक प्रदर्शन को छिपाने की कोशिश में एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए जनता अदालत से संबंधित प्रेस नोट ही जारी नहीं किया।

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