आरयू वेब टीम। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने बुधवार को मोदी सरकार पर हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र समेत लघु और मध्यम उद्योगों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। साथ ही दावा किया कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन से राज्य के पर्यटन उद्योग पर असर पड़ा है। प्रियंका ने कहा कि अगर कांग्रेस लोकसभा चुनाव जीतकर सत्ता में आई तो वह लघु और मध्यम व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस क्षेत्र को मजबूत करेगी।
कुल्लू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रियंका ने नरेंद्र मोदी पर बंदरगाहों, हवाई अड्डों और कोयला खदानों जैसी देश की सार्वजनिक संपत्ति को “अपने उद्योगपति मित्रों” को सौंपने का आरोप लगाया। ‘‘आज हिमाचल प्रदेश में भी अधिकतम कोल्ड स्टोर अडाणी के स्वामित्व में हैं, जो सेब की कीमत और सेब उत्पादकों का भाग्य तय करते हैं।’’ इसके अलावा अमेरिका से आने वाले सेबों पर आयात शुल्क कम कर दिया गया है, जबकि स्थानीय उत्पादकों को कृषि उपकरणों और औजारों पर लगाया गया जीएसटी चुकाना पड़ रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस कारण, राज्य के सेब उत्पादक अमेरिका से आयातित सेबों से प्रभावित हो रहे हैं, जिनकी बाजारों में भरमार है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब “कोविड टीकों के कारण लोग मर रहे हैं”, जबकि भाजपा ने टीके बनाने वालों से 52 करोड़ रुपये का चंदा लिया था। उन्होंने कहा कि 55 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस सबसे अमीर पार्टी नहीं बन सकी, लेकिन भाजपा सिर्फ दस साल में दुनिया की सबसे अमीर पार्टी बन गई है।
मंडी लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह के लिए प्रचार करते हुए प्रियंका ने कहा कि अगर ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनी तो राज्य की गरीब महिलाओं को हर महीने दस हजार रुपये- लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में घोषित 8,500 रुपये और हिमाचल प्रदेश में पार्टी की सरकार के वादे के अनुसार 1,500 रुपये- मिलेंगे। आगे कहा कि राज्य की सभी चार लोकसभा सीट के लिए मतदान अंतिम चरण में एक जून को होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सुंदर राज्य है और “सुसंस्कृत राजनीति का प्रतीक” है। उन्होंने राज्य के लोगों से देश की राजनीति को सही दिशा में ले जाने का आग्रह किया।
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प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए प्रियंका ने कहा, “मोदी जी हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते हैं, लेकिन उन्होंने न तो राज्य को कोई विशेष पैकेज दिया और न ही उन्होंने अब तक के सबसे खराब मानसून को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया।” उन्होंने कहा कि इसके बजाय उन्होंने राज्य में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई कांग्रेस सरकार को गिराने का हर संभव प्रयास किया। कांग्रेस के उन छह विधायकों के विद्रोह के बाद उपजे राजनीतिक संकट का जिक्र कर रही थीं, जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान किया था और बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। वे अब भाजपा उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं।