आरयू ब्यूरो, लखनऊ। “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” नारे के साथ यूपी चुनाव कैंपन की शुरूआत करने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी कर दी है। 125 उम्मीदवारों की इस सूची में 50 महिलाएं शामिल हैं। 40 प्रतिशत महिलाओं के साथ ही कांग्रेस ने युवाओं को भी 40 प्रतिशत सीटें दी है। प्रियंका की लिस्ट की खास बात यह भी है कि इसमें उन्नाव, लखनऊ व सोनभद्र के ऐसे परिवारों के लोग भी शामिल हैं, जिन पर खुद किसी न किसी बहाने से अत्याचार किया गया था।
आज इसकी जानकारी देते हुए प्रियंका ने मीडिया से कहा कि हमारी सूची में जो महिलाएं हैं उनमें से कुछ संघर्षशील महिलाएं हैं, सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार के साथ ही ऐसी भी महिलाएं हैं जिन्होंने बेहद अत्याचार झेला है। हमने सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों में से एक रामराज गोंड को भी टिकट दिया है। इसी तरह आशा बहनों ने कोरोना में जान की परवाह नहीं करते हुए बहुत काम किया, मानदेय के लिए आवाज उठाई तो पुलिस ने उन्हें जानवरों की तरह पीटा। उन्हीं में से एक पूनम पांडेय को भी हमने टिकट दिया है।
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हमारी उन्नाव की प्रत्याशी गैंगरेप पीड़िता की माता आशा सिंह हैं। वे चुनाव लड़ना चाहती हैं। हमने उन्हें मौका दिया है, जिस सत्ता के जरिये उनके पति की हत्या हुई, बेटी का बलात्कार हुआ, एक्सीडेंट कराया, वही सत्ता अपने हाथों में लें। हमने उनको मौका दिया है कि वे अपना संघर्ष जारी रखें। जिस सत्ता के जरिये उनकी बेटी के साथ अत्याचार हुआ, उनके परिवार को बर्बाद किया गया, वही सत्ता वे हासिल करें।
प्रियंका ने कहा कि लखनऊ की सदफ जाफर ने सीएए-एनआरसी के समय बहुत संघर्ष किया था। सरकार ने उनका फोटो पोस्टर में छपवाकर उन्हें प्रताड़ित किया। मेरा संदेश है कि अगर आपके साथ अत्याचार हुआ तो आप अपने हक के लिए लड़ें। कांग्रेस ऐसी महिलाओं के साथ है।
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साथ ही आशा बहनों ने कोविड के समय अपनी जान की परवाह न करके देश की सेवा की। उनका मानदेय नहीं बढ़ाया तो बहनों ने आवाज उठायी। शाहजहांपुर की आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय को पुलिस ने बुरी तरह पीटा था। वे भी हमारी प्रत्याशी होंगी।
जो महिलाएं पहली बार चुनाव लड़ रही हैं, वे संघर्षशील और हिम्मती महिलाएं हैं। कांग्रेस पार्टी उन्हें पूरा सहयोग करेगी। अपनी सूची से हम संदेश देना चाहते हैं कि राजनीति का असली मकसद सेवा है। यह काफी हद तक बदल चुका है, लेकिन हम इस मकसद को वापस लाना चाहते हैं।
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साथ ही प्रियंका ने कहा कि हमारे प्रत्याशियों की सूची एक नया संदेश दे रही है कि अगर आपके साथ अत्याचार हुआ तो आपमें ये शक्ति है कि आप अपने हक के लिए लड़ें। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस आपका समर्थन करेगी। आप राजनीति में आएं और अपनी लड़ाई लड़ें।
इस दौरान दलबलु नेताओं का जिक्र करते हुए प्रियंका ने कहा कि आया राम गया राम हर चुनाव में, हर पार्टी में होता है। मुझे नहीं लगता कि यह कोई ऐसी चीज है जिससे किसी पार्टी को घबराना चाहिए। अगर हमारे साथी जाते हैं तो हमें लगता है कि वे हमारे संघर्ष से पीछे हट रहे हैं।
चुनावी रणनीति पर कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हमने अपने सभी नेताओं कार्यकर्ताओं से कहा है कि हम नकारात्मक नहीं, सिर्फ सकारात्मक कैंपेन करेंगे। हम चाहते हैं कि भविष्य की बातें हों, विकास की बातें हों, महिला-दलित सशक्तिकरण की बातें हों, समस्याओं को हल करने की बातें हों।
हमारा लक्ष्य ये भी है कि हमारी भूमिका बढ़े, हमारी पार्टी मजबूत बने। हमने तय किया है कि हम नकरात्मक कैंपेन नहीं करेंगे। हम सकारात्मक मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे। महिलाओं, दलितों, युवाओं के मसलों पर चुनाव लड़ेंगे ताकि प्रदेश आगे बढ़े।
भाजपा समेत अन्य विरोधी दलों पर सवाल उठाते हुए प्रियंका ने कहा कि युवाओं पर बात क्यों नहीं होती है? पीड़िताओं की बात क्यों नहीं होती है? बेरोजगारों के साथ हो रहे अन्याय की बात क्यों नहीं हो रही है? क्या वे किसी प्रतिशत में नहीं हैं?
हमने महिलाओं की बात शुरू की तो सभी पार्टियां घोषणाएं करने लगीं। भाजपा, सपा, आरएलडी, बसपा सबने घोषणाएं कीं। हमारी यही सफलता है कि अब महिलाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मैंने जो प्रयास शुरू किए हैं वह जारी रखूंगी, मैं चुनाव के बाद भी यूपी में ही रहूंगी। अगर हमारी पार्टी कहती है कि हमारी भूमिका कहीं और भी होनी चाहिए तो मैं वह भी करूंगी। पार्टी को मजबूत करने का हमारा प्रयास जारी रहेगा।