आरयू ब्यूरो,लखनऊ। अपनी बेबाकी कार्यशैली व बयान के चलते चर्चा में रहने वाले पूर्व आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने अब सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सीधा बिगुल फूंका है। अमिताभ ठकुर ने शनिवार को ऐलान करते हुए कहा है कि वह अगामी विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेगे, विधानसभा सीट के निर्धारण के बारे में पूर्व आइपीएस अफसर का कहना है कि योगी चाहे जहां से चुनाव लड़े वह भी उनके खिलाफ उसी विधानसभा सीट से ताल ठोकेंगे।
जबरिया सेवानिवृत्त किए गए अमिताभ अफसर के इस ऐलान के बाद राजनीतिक गलियारों में उनके किसी राजनीतिक दल ज्वाइन करने की चर्चा होने लगी है, लोग अनुमान लगा रहें हैं कि अमिताभ ठाकुर अपनी छवि को देखते हुए कांग्रेस या फिर आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं, हालांकि लोग यह भी मान रहे हैं, कि अमिताभ ठाकुर निर्दल भी चुनावी मैदान में कूद सकते हैं।
यूपी के काडर के पूर्व आइपीएस अफसर ने सीएम योगी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए शनिवार को अपने एक बयान में कहा कि योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में तमाम अलोकतांत्रिक, अराजक, दमनकारी, उत्पीड़नात्मक तथा विभेदकारी कार्य किये, वह इनके विरोध में आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, फिर चाहे आदित्यनाथ जहां से भी चुनाव लड़ें।” पूर्व आइपीएस ने कहा कि ये उनके लिए सिद्धांतों की लड़ाई है, जिसमें वह गलत के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त करेंगे।
गंभीरता से विचार कर लिया निर्णय
वहीं आज ट्विट कर राजनीति में आने के अपने सवाल के बारे में कहा कि कल योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर करने के बाद से तमाम साथी लगातार मुझे उनके खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं। सभी बातों पर गंभीरता से विचार कर मैंने निर्णय लिया है कि वे जहां से भी आगामी विधान सभा चुनाव लड़ेंगे, मैं निश्चित रूप से उनके विरुद्ध चुनाव लडूंगा।
योगीजी से जरुर करवा दूंगा आचार संहिता का पूरी तरह पालन
इससे पहले शुक्रवार को अमिताभ ठाकुर ने ट्विट कर कहा था कि कई साथी कह रहे हैं कि आप योगीजी के खिलाफ चुनाव लड़ जाईये। आईडिया बुरा नहीं है। वैसे मैं भी जानता हूं कि मुझे वोट बहुत ही कम मिलेंगे, नाममात्र के, क्योंकि मुझमें नेताओं वाले गुण नहीं हैं, पर इतना जरुर है कि उस चुनाव में योगीजी से आचार संहिता का पूर्ण पालन जरुर करवा दूंगा।
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बताते चलें कि अमिताभ ठाकुर को योगी सरकार की रिपोर्ट पर गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुपालन में गत 23 मार्च को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक आदेश में कहा गया था कि ठाकुर को “उनकी सेवा के शेष कार्यकाल के लिए बनाए रखने के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया”। इसमें कहा गया, “जनहित में अमिताभ ठाकुर को उनकी सेवा पूरी होने से पहले तत्काल प्रभाव से समय से पहले सेवानिवृत्ति दी जा रही है।”