आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के चर्चित पूर्व आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार को लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उनके खिलाफ आज दोपहर ही सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करने वाली युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था, जबकि आज ही सुबह अमिताभ ठाकुर ने राजनीतिक पार्टी के गठन का ऐलान किया था।
वही गिरफ्तारी का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में पुलिस के कई जवान नजर आ रहे हैं। ये सभी मिलकर अमिताभ ठाकुर को जबरन गाड़ी में बिठा रहे हैं। गाड़ी में बिठाने के दौरान अमिताभ लगातार पुलिस का विरोध कर रहे हैं और कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि मैं नहीं जाउंगा। वहीं एक अन्य वीडियो में अमिताभ ठाकुर अपनी हत्या किए जाने की भी आशंका जता रहे हैं।
बताते चलें कि गिरफ्तारी से पहले आज सुबह ही अमिताभ ठाकुर ने एक राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी। ट्विटर पर की गयी इस घोषणा के बाद पूर्व आइपीएस के गोमतीनगर आवास पर पहुंची पुलिस ने घर पर ही उन्हें नजरबंद कर दिया था। जिसका अमिताभ ठाकुर विरोध कर ही रहे थे कि दोपहर करीब दो बजे हजरतगंज कोतवाली में उनके व सांसद अतुल राय के खिलाफ एसएसआइ की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस घर से उन्हें हजरतगंज कोतवाली ले गयी, जिसके बाद उनका सिविल अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया। इंस्पेक्टर हजरतगंज ने बताया कि मेडिकल परीक्षण के बाद अमिताभ ठाकुर को शाम को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया है।
यह भी पढ़ें- पूर्व IPS अफसर अमिताभ ठाकुर ने CM योगी के खिलाफ फूंका सीधा बिगुल, बोले, इनके खिलाफ लड़ूगा विधानसभा चुनाव, चाहे जहां से लड़े
वहीं आज घर से हजरतगंज कोतवाली व सिविल अस्पताल में मेडिकल मुआयने के दौरान अमिताभ ठाकुर ने पुलिस व योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते दिखाई दिए। इस दौरान उन्होंने कई बार मीडियाकर्मियों के सामने खुलकर अपना पक्ष भी रखना चाहा, लेकिन पुलिस ने हर बार उन्हें पकड़कर रोक लिया।
यह भी पढ़ें- अमिताभ ठाकुर के राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान करते ही घर पहुंच गयी पुलिस, पूर्व IPS ने पूछा, इतना डर क्यों रही सरकार?
उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने कहा कि अयोध्या और गोरखपुर यात्रा निकट आते ही पहले अमिताभ ठाकुर को नजरबंद कर दिया गया। फिर उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस घर पहुंच गई। पुलिस से गिरफ्तारी का कारण पूछा गया तो बताया भी नहीं गया। पुलिस बिना कारण बताए और एफआईआर की कापी दिखाए ही जबरिया उन्हें उठा ले गई है। एक पूर्व अधिकारी के साथ दिनदहाड़े इस तरह का व्यवहार कभी नहीं किया गया। उनके साथ कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है।
पूर्व आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने दुष्कर्म पीड़िता को खुदकुशी के लिए उकसाया। उनके खिलाफ एफआइआर एसएसआइ दयाशंकर द्विवेदी की तहरीर पर दर्ज किया गया है। अमिताभ ठाकुर पर दुष्कर्म के आरोपी और बीएसपी के सांसद अतुल राय को सहयोग करने का आरोप भी लगा है।
यह भी पढ़ें- गोरखपुर जाने से पूर्व आइपीएस अफसर को पुलिस ने रोका तो बोले अमिताभ ठाकुर, योगी जी डर गए, यह हमारी जीत
बता दें कि इससे पहले दुष्कर्म पीड़िता और उसके दोस्त ने अमिताभ ठाकुर पर सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह के दौरान कई आरोप लगाए थे। आत्मदाह के दौरान गंभीर हालत में दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां इलाज के दौरान 21 मई को गवाह सत्यम राय और 25 मई को दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई थी।
The police has forcibly taken @Amitabhthakur without any justification/ providing reasons to the Hazratganj police station.@Uppolice @dgpup pic.twitter.com/P0AlihDpfn
— Amitabh Thakur (Azad Adhikar Sena) (@Amitabhthakur) August 27, 2021