आरयू वेब टीम। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी ने मंगलवार को नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद सुमन ने कहा कि जदयू ने पार्टी विलय का एक प्रस्ताव दिया था, जो हम लोगों को नामंजूर था। इस कारण हम लोगों ने अलग रास्ता अपनाना बेहतर समझा।
नीतीश मंत्रिमंडल में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संतोष सुमन लघु सिंचाई और एससी, एसटी कल्याण विभाग संभाल रहे थे। सुमन ने कहा कि दो तीन दिन पहले जब सभी विधायकों के साथ मुख्यमंत्री से मिलने गए तब भी मुख्यमंत्री ने इसके लिए दबाव बनाया था। भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी इस पर कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अकेले भी चुनाव लड़ सकती है।
जरूरी नहीं कि मंत्री रहकर ही महागठबंधन में रहा जाए
महागठबंधन में साथ रहने के सवाल पर जवाब देते हुए संतोष सुमन ने कहा कि अभी तो महागठबंधन में ही है। कोई जरूरी नहीं कि मंत्री रहकर ही महागठबंधन में रहा जाए, हालांकि यह भी कहा कि जब पार्टी के तौर पर मान्यता ही नहीं मिलेगी तो विकल्प ही क्या बचता है। उन्होंने नीतीश कुमार पर आस्था जताते हुए कहा कि आज भी मुख्यमंत्री के प्रति आस्था है, लेकिन कोई घर बनाया है तो उसे अपने हाथों से तोड़ा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि बड़ी मेनहत से अपनी पार्टी का निर्माण किया है।
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उल्लेखनीय है कि जीतन राम मांझी कुछ ही दिन पहले अपने विधायकों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। तीन दिन पूर्व मांझी ने लोकसभा चुनाव में पांच सीटों की मांग की थी। बताया जाता है कि मांझी इन दिनों महागठबंधन से नाराज थे।