आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। सोशल मीडिया का साइड इफेक्ट एक बार फिर सामने आया है। इस बार इसका शिकार हुए हैं उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी। असामाजिक तत्वों ने उनके देहांत की झूठी खबर फेसबुक, व्हाट्सऐप व ट्वीटर पर वायरल कर दी। इसके बाद देखते ही देखते सोशल मीडिया पर शोक संदेशों का तांता लगा गया। गुरुवार से शुरू हुए झूठे संदेशों का दौर शुक्रवार को भी जारी रहा जिसके बाद उनके बेटे रोहित तिवारी ने एक बयान जारी कर अपना दर्द सुनाने के साथ ही झूठी खबर वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पिता का हाथ पकड़कर ले जा रहा था MRI कराने, देश भर में फैल गई मनहूस खबर
रोहित तिवारी ने कहा कि गुरुवार को अपने पिता का हाथ पकड़कर उनकी एमआरआई कराने ले जा रहा था, तभी देश भर में उनके देहांत की मनहूस खबर सोशल मीडिया के माध्यम से फैला दी गई। इसके बाद लोग रात भर मुझे श्रद्धांजलि भरे संदेश भेजते रहे। इससे मन काफी विचलित और परेशान हुआ है।
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दो सीएम से की कार्रवाई की मांग
एनडी तिवारी के पुत्र ने उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री से देहांत की झूठी खबर वायरल करने वालों का साइबर सेल के माध्यम से पता लगाकर कार्रवाई करने की मांग की है। रोहित तिवारी ने कहा कि ऐसी विकट स्थिति में पिताजी का अपमान करने के साथ ही मुझे व माताजी और परिजनों को विचलित करने वाले इस घृणित काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करके यह पता लगाना चाहिए कि आखिर ऐसा करने के पीछे उनकी मंशा क्या थी।
हालत में आया सुधार
रोहित तिवारी ने यह भी बताया कि शुक्रवार को पिता जी की हालत में हल्का सुधार आया है। डॉक्टरों ने कहा है कि अगर तीन-चार दिनों तक उनकी यही स्थिति बनी रही तो उन्हें आईसीयू से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया जा सकता है।
बताते चलें कि यूपी व उत्तराखण्ड के पूर्व सीएम रहने के साथ ही केंद्र सरकार में विदेश, वित्त व विभागों में मंत्री रह चुके एनडी तिवारी की तबियत खराब होने पर उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका उपचार चल रहा है।
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