पूर्व LG के रुख में बदलाव की जांच के लिए मनीष सिसोदिया ने CBI को लिखा पत्र, कहा, किसके दबाव में बदले फैसले

आरयू वेब टीम। दिल्ली में शराब पॉलिसी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। डिप्टी सीएम ने दिल्ली के पूर्व उप-राज्यपाल अनिल बैजल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एलजी ऑफिस में फैसलों को बदलकर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया गया, जिसकी वजह से दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि एलजी ऑफिस में किसके दबाव में दिल्ली सरकार के फैसले बदले गए, इस बात की जांच होनी चाहिए।

डिप्टी सीएम ने शनिवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पूर्व उपराज्पाल के रुख में बदलाव की जांच के लिए सीबीआई को पत्र लिखा है। बैजल के खिलाफ सिसोदिया की टिप्पणी उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा नीति से जुड़ी कथित विसंगतियों की सीबीआइ जांच की मांग के हफ्तों बाद आई है। एलजी की सीबीआइ जांच की सिफारिश के बाद इसे हाल ही में रोक दिया गया था, लेकिन एक महीने के लिए अस्थायी रूप से बढ़ा दिया गया था।

सिसोदिया ने प्रेसवार्ता में कहा, “राष्ट्रीय राजधानी में 849 दुकानें असमान रूप से वितरित की गईं। नई नीति में जहरीली शराब की त्रासदी जैसी घटनाओं से बचने के लिए समान वितरण को रेखांकित किया गया था। पॉलिसी क्लियर करने से पहले (पूर्व) एलजी ने पॉलिसी को ध्यान से पढ़ा। उन्होंने बदलाव का सुझाव दिया। फिर हमने उसे जून में संशोधन के साथ भेजा। दूसरी बार उन्होंने इसे क्लियर किया।”

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साथ ही कहा कि सरकार ने मई 2021 में नई आबकारी नीति पारित की। इस नीति के तहत अनधिकृत क्षेत्र में भी दुकानें बंटनी थी जिस पर उपराज्यपाल ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी लेकिन जब दुकानों की फाइल गई तो उन्होंने अपना मन बदल लिया और उपराज्यपाल ने नई शर्त रखी कि अनधिकृत क्षेत्र में दुकानें खोलने के लिए डीडीए और एमसीडी की मंजूरी लिजिए, जिससे अनधिकृत क्षेत्र में दुकानें नहीं खुल पाई और कोर्ट के फैसले के कारण नए लाइसेंस धारकों को रियायत देनी पड़ी और सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ। “समान वितरण” पर जोर देते हुए सिसोदिया ने जोर देकर कहा कि पूर्व एलजी ने “अनधिकृत क्षेत्रों” में दुकानें स्थापित करने पर आपत्ति नहीं की थी और इसे “दो बार” पढ़ा।

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