आरयू वेब टीम।
राफेल डील मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। ये याचिका यशवंत सिन्हा, प्रशांत भूषण और अरुण शौरी ने दाखिल की है। इस पुनर्विचार याचिका में 14 दिसंबर के राफेल के फैसले को वापस लेने और याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई की मांग भी की गई है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि फैसले में कई त्रुटियां हैं। यह फैसला सरकार द्वारा अदालत को एक सीलबंद कवर में दिए गए एक अहस्ताक्षरित नोट में किए गए गलत दावों पर आधारित है, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है। साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि मामले में फैसला सुरक्षित रखे जाने के बाद कई नए तथ्य प्रकाश में आए हैं, जिनके आधार पर मामले की जड़ तक जाने की जरूरत है।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में राफेल मुद्दे पर कांग्रेस पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा था कि यह आरोप सरकार पर हैं, मेरे ऊपर कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाए गए हैं। संसद में मैंने विस्तार से इसका जवाब दिया है।
मोदी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट तक मसला क्लियर हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सभी चीजें सामने निकालकर रख दी है। दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका है। कांग्रेस जो आरोप लगा रही है, उसे साबित करें। उन्हें बार-बार बोलने की बीमारी है, तो मुझे बार-बार बोलने की जरूरत है क्या? साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से हमेशा डिफेंस डील विवादित क्यों रहा है?
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील की कोर्ट की निगरानी में एसआइटी जांच की मांग वाली चार याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस सौदे को लेकर सभी याचिकाएं खारिज कर दी थी और कहा था कि इस सौदे को लेकर कोई शक नहीं है और कोर्ट को इस मामले में अब कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है। कोर्ट ने साथ में यह भी कहा था कि विमान खरीद प्रक्रिया पर भी कोई शक नहीं है। साथ ही कहा था कि सरकार की बुद्धिमता को पर जजमेंट लेकर नहीं बैठे हैं।
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