राम मंदिर पर प्रधानमंत्री के बयान से संतुष्ट नहीं VHP, बोली कानून बनाकर रास्‍ता साफ करे सरकार

राम मंदिर
मीडिया से बात करते वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार। (फोटो साभार एएनआइ)।

आरयू वेब टीम। 

विश्‍व हिंदू परिषद ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस  इंटरव्‍यू पर निशाना साधा है, जिसमें पीएम ने राम मंदिर को लेकर कहा था कि न्यायिक प्रक्रिया को अपना काम करने दें। इसे राजनीतिक दृष्टि से ना तोलें। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने दें। वीएचपी ने कहा कि सरकार कानून बनाकर राम मंदिर का रास्ता साफ करे।

मीडिया से बात करते हुए वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि मामला काफी लंबे समय से कोर्ट में है और हिंदू अनंतकाल तक मंदिर का इंतजार नहीं कर सकते हैं। प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेले में 31 जनवरी को धर्म संसद होगी, जिसमें मौजूद संत आगे क्या किया जाए, इसपर फैसला लेंगे। वीएचपी ने आगे कहा कि न्यायिक प्रकिया के पूरे होने से पहले कानून लाया जाना चाहिए। हम इस सरकार से संसद में कानून लाने का आग्रह करते रहेंगे।

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बता दें कि प्रधानमंत्री ने एक इंटरव्यू में मंगलवार को कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर पर अध्यादेश लाने पर कोई भी फैसला न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही हो सकता है, साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए हरसंभव कोशिश करने के लिए तैयार है। मोदी की यह टिप्पणी आरएसएस समेत हिंदुत्व संगठनों की तेज होती उस मांग के बीच आयी है कि मंदिर के जल्द से जल्द निर्माण के लिए एक अध्यादेश लाया जाए।

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इन टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस ने कहा कि लोगों को उम्मीद है कि मोदी सरकार राम मंदिर का निर्माण कराने के वादे को अपने कार्यकाल में पूरा करेगी, क्योंकि भाजपा इसके लिए हर संभव कोशिश करने का वादा कर 2014 में सत्ता में आयी थी।

क्या मोदी के लिए भगवान राम से भी बड़ा है कानून

दूसरी ओर इस पर शिवसेना नेता संजय राउत ने हैरानी जताते हुए कहा कि क्या मोदी के लिए कानून भगवान राम से भी बड़ा है। शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राम मंदिर तत्काल मामला नहीं है। मोदी ने भी कुछ अलग नहीं कहा। मैं उन्हें मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए बधाई देता हूं।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं राम मंदिर के लिए कोई अध्यादेश नहीं लाएंगे। इसका संवैधानिक अर्थ यह है कि भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं।

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