आरयू वेब टीम।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर रविवार विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के लाखों कार्यकर्ता दिल्ली के रामलीला मैदान में इकट्ठा हुए। इस रैली की मदद से संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले मोदी सरकार पर राम मंदिर को लेकर अध्यादेश लाने का दबाव बनाने की कोशिश की गयी है।
धर्मसभा में आएसएस के सरकार्यवाहक भैयाजी जोशी ने अपने भाषण में कहा ‘राम मंदिर निर्माण से ही भविष्य का राम राज्य तय होगा। उन्होंने आगे कहा कि अदालत को भी देश की भावनाएं समझनी चाहिए। देश राम राज्य चाहता है, भावनाओं का सम्मान हो, क्योंकि हम भीख नहीं मांग रहे हैं। ये लोगों की भावनाओं का सवाल है।
उन्होंने कहा कि कोर्ट का सम्मान करते हुए इंतजार किया कोर्ट की प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए। ‘भगवान राम कब तक अस्थाई टेंट में रहेंगे और भक्त देखते रहेंगे। राम मंदिर पर कानून बनाने के लिए सरकार पहल करे। सत्ता में बैठे लोग जनभावनाओं को समझें।
वहीं विश्व हिंदू परिषद के वार्किंग प्रसिडेंट आलोक कुमार ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि वह अध्यादेश लाए। उन्होंने कहा कि राम मंदिर में निर्माण में जो भी बाधा बनेगा, उसको जनता का आक्रोश झेलना पड़ेगा। वहीं महामंडलेश्वर नवल किशोर ने कहा कि सरकार ने अगर कोई निर्णय नहीं लिया तो 2019 के चुनावों में किसी को प्रवेश नहीं करने देंगे।
इस दौरान विहिप के महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि अगर किसी स्थिति में संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक नहीं लाया गया तो अगली ‘धर्म संसद’ में आगे के कदम पर फैसला होगा। इसका आयोजन अगले साल 31 जनवरी और एक फरवरी को महाकुंभ के इतर प्रयागराज में होगा। बंसल ने कहा कि विहिप के अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे और इसके अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार भी रैली को संबोधित करेंगे।
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बता दें कि रैली को देखते हुए रामलीला मैदान और उसके आसपास के इलाकों के अलावा दिल्ली की सीमाओं और अन्य संवेदनशील इलाकों में 15 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। धर्म संसद में आए कुछ राम भक्त हाथों में राम मंदिर के बैनर, तो कुछ के हाथ में गदा और कुछ भगवान हनुमान का रूप धारण कर पहुंचे थे। अब तक सरकार ने यह साफ नहीं किया है कि वो आगामी संसद सत्र में राम मंदिर पर बिल ला रही है या नहीं।
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