आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। राफेल डील को लेकर एक तरफ देशभर में सवाल उठ रहें हैं, वहीं शुक्रवार को यूपी विधानसभा में कांग्रेस ने इस मामले को लेकर प्रदर्शन कर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाएं हैं। फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद को घोटाले की झील बताते हुए कांग्रेस विधान मंडल दल के सदस्यों ने विधानसभा परिसर में विरोध दर्ज कराया। इस दौरान प्रदर्शन करने वाले सदस्यों के हाथों में नारे लिखे बैनर भी थे। राफेल डील से स्पष्ट है कि केंद्र सरकार भ्रष्ट है व राफेल की डील, घोटाले की झील जैसे नारे लिख हुए थे।
वहीं कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने डील पर सवाल उठाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का इससे बड़ा सबूत क्या होगा कि मात्र दो हफ्ते पुरानी रिलायंस डिफेंस लिमिटेड इन विमानों की आपूर्ति करेगी, जबकि पहले इस काम को हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड को करना था।
हमला बोलते हुए अजय कुमार ने आगे कहा कि सरकार फ्रांस के साथ राफेल फाइटर जेट के लिए हुई 58,000 करोड़ की डील पर देश को अंधेरे में रख रही है। जबकि सच तो ये है कि राफेल डील घोटाले की बहुत बड़ी झील है, इसलिए इसकी जांच संयुक्त संसदीय समिति के द्वारा करायी जानी चाहिए।
मोदी सरकार की डील से होगा देश को 41 हजार 500 करोड़ का नुकसान
कीमत की बात पर उन्होंने कहा कि एक साल के अंदर ही राफेल लड़ाकू विमान की कीमत 526 करोड़ से बढकर 1570 करोड़ हो गयी। आखिर क्या बाध्यता थी कि यूपीए सरकार में हुए राफेल डील को निरस्त कराया गया और मोदी सरकार की वर्तमान डील से देश को 41 हजार 500 करोड़ का नुकसान होगा।
प्रदर्शन करने वालों में कांग्रेस विधानमंडल दल की सदस्य अदिति सिंह, अराधना मिश्रा ‘मोना’, नरेश सैनी, मसूद अख्तर, सोहिल अख्तर अंसारी, राकेश सिंह तथा अजय कुमार लल्लू शामिल रहें।