आरयू वेब टीम। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ गुरुवार को बिहार के औरंगाबाद शहर में पहुंची, जहां के गांधी मैदान में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज 21वीं सदी में भी देश के गरीब, कमजोर और किसानों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। देश में हिंसा और नफरत फैलाई जा रही है।
राहुल ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का चेहरा मुस्कुराते हुए दिखेगा। वहीं, भाजपा के नेता और कार्यकर्ता सबको घूरते दिखेंगे। ये लोग पूरे देश में नफरत फैला रहे हैं। भाजपा की नफरती विचारधारा ने मणिपुर को जला दिया। हमने इसी नफरत के खिलाफ ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की और नारा दिया- ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान”। भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में आपको हजारों लोगों की भीड़ दिखेगी। मगर आप टीवी ऑन करेंगे तो सिर्फ नरेंद्र मोदी जी का चेहरा दिखेगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि आज किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं, छर्रे उड़ाए जा रहे हैं। मैंने आंदोलनरत किसानों से बात की। आंदोलनरत किसान देश के लिए लड़ रहे हैं। उन्होने लीगल गारंटी देकर एमएसपी देने का भरोसा देते हुए कहा कि गरीबों, किसानों की बात नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की चर्चा करते हुए कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन में एक भी गरीब, मजदूर आपको नहीं दिखे होंगे। वहां सभी चर्चित चेहरे दिखे होंगे।
उन्होंने जातिगत जनगणना की जरूरत बताते हुए कहा कि 73 प्रतिशत आबादी की भागीदारी शून्य है। पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की आबादी 73 प्रतिशत है। लेकिन, हिन्दुस्तान में जितनी बड़ी कंपनियां हैं, वहां इनकी संख्या जीरो है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश में हरित क्रांति, सफेद क्रांति, कंप्यूटर क्रांति जैसे कई क्रांतिकारी काम किए हैं। इसी तरह, हम एक और क्रांतिकारी काम करने जा रहे हैं- वो है जातिगत जनगणना। सामाजिक न्याय का अगला कदम जातिगत जनगणना है और कांग्रेस ये करके दिखा देगी।
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हिंदुस्तान के कुछ अरबपति चीन से माल खरीदकर देश में बेचते हैं। इससे रोजगार चीन के युवाओं को मिलता है, पैसा चीन को मिलता है। बिहार में इंडस्ट्री हुआ करती थी, जो बंद हो गई। आज बिहार के लोग ठेके पर मजदूरी करने अलग-अलग राज्यों में जाते हैं। बिहार में चार लाख शिक्षक मजदूरी कर रहे हैं, जब सरकार चाहेगी इन्हें हटा देगी। ये आर्थिक अन्याय है। देश के अरबपतियों का करीब 14 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ हो जाता है। जबकि गरीबों के लिए मनरेगा का सालाना बजट केवल 70 हजार करोड़ रुपए होता है, लेकिन अरबपति कहते हैं कि ये पैसा बर्बाद हो रहा है। ये आर्थिक अन्याय है।