आरयू वेब टीम।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की जिद को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मुखिया लालू प्रसाद यादव का कहना है कि हट जाना न सिर्फ उनकी पार्टी कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित होगा, बल्कि उन सभी सामाजिक और राजनैतिक ताकतों के लिए भी घातक सिद्ध होगा, जो संघ परिवार से लड़ रही हैं।
‘द टेलीग्राफ’ ने लोकसभा चुनाव परिणाम का लालू प्रसाद यादव द्वारा किया गया विश्लेषण प्रकाशित किया है, जो लालू की आत्मकथा ‘गोपालगंज टु रायसीना- माई पॉलिटिकल जर्नी’ के सह-लेखक नलिन वर्मा के साथ उनकी बातचीत पर आधारित है। विश्लेषण में लालू ने कहा कि राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना भाजपा के जाल में फंसना होगा, क्योंकि जैसे ही गांधी-नेहरू परिवार से इतर कोई भी शख्स कांग्रेस अध्यक्ष बनेगा, उसी पल से नरेंद्र मोदी और अमित शाह की ब्रिगेड उसे ‘कठपुतली’ करार देंगे, जिसका रिमोट कंट्रोल राहुल और उनकी मां सोनिया गांधी के हाथ में बताया जाएगा। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के मुताबिक, बीजेपी इस बात का प्रचार अगले लोकसभा चुनाव तक करती रहेगी, सो, राहुल गांधी को अपने विरोधियों को ऐसा मौका नहीं देना चाहिए।
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लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों का विश्लेषण करते हुए लालू प्रसाद यादव ने साफ कहा कि विपक्ष इस बार मोदी के नेतृत्व में भाजपा से हार गया है, और इस सच्चाई को सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों से लड़ने वाली सभी विपक्षी पार्टियों को कबूल करना होगा, और इसे सामूहिक हार के रूप में स्वीकार कर आत्ममंथन करना होगा कि गलती कहां हुई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लालू यादव का कहना है कि बीजेपी को सत्ता से हटाने का लक्ष्य सभी विपक्षी दलों का था, लेकिन वे अपनी बात को समूचे देश तक पहुंचाने में कामयाब नहीं हो पाए। लालू के मुताबिक, विपक्षी दलों ने इस लोकसभा चुनाव को राज्य चुनाव की तर्ज पर लड़ा, और मिलीजुली रणनीति बनाने में नाकाम रहे। आरजेडी प्रमुख के मुताबिक, देश की जनता राष्ट्रीय विकल्प तलाश रही थी, जो अलग-अलग लड़ रही विपक्षी पार्टियां उन्हें देने में सफल नहीं हो पाईं।