अमेरिका में राहुल का प्रधानमंत्री पर निशाना, नरेंद्र मोदी को भगवान के साथ बैठा दें तो उन्हें भी शुरू कर देंगे काम समझाना

भगवान को समझाना
कार्यक्रम को संबोधित करते राहुल गांधी।

आरयू वेब टीम। कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को अमेरिका दौरे पर पहुंचे हैं। राहुल ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात कर उन्हें संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का जिक्र करते हुए देश की राजनीति के बारे में बात की और भारतीय जनता पार्टी समेत आरएसएस पर जमकर हमला बोला। राहुल ने कहा कि राजनीति के लिए जिन संसाधनों की जरूरत पड़ती है उन्हें ये नियंत्रित कर रहे हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि देश में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें लगता है वो सब कुछ जानते हैं। भगवान से भी ज्यादा जानते हैं।

वहीं राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, मुझे लगता है हमारे देश के प्रधानमंत्री उनमें से एक हैं। मोदी जी को अगर भगवान के साथ बैठा दें तो वो भगवान को समझाना शुरू कर देंगे कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है। इस दौरान राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के अनुभव को लोगों के साथ शेयर करते हुए कहा, मैंने जब ये यात्रा शुरू थी तो पांच-छह दिन बाद महसूस हुआ कि ये यात्रा आसान नहीं होगी। हजारों किलोमीटर की यात्रा को पैदल तय करना बेहद मुश्किल दिख रहा था, लेकिन मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था। मैं, कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक रोजाना 25 किलोमीटर की यात्रा तय कर रहे थे।

तीन हफ्ते बाद मुझे लगा कि मैं अब थक नहीं रहा हूं। मैंने लोगों से भी पूछना छुरू किया कि क्या वो थकान महसूस कर रहे हैं, लेकिन किसी ने इसका जवाब हां में नहीं दिया। उन्होंने कहा, उस यात्रा में केवल कांग्रेस नहीं चल रही थी, बल्कि पूरा भारत कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा था। राहुल ने आगे कहा, कांग्रेस के साथ अच्छी बात ये है कि हम सबके साथ हैं। कोई आकर कुछ बोलना चाहता है तो हम उसे सुनते हैं। हम गुस्सा नहीं होते ये हमारा नेचर है।

यह भी पढ़ें- राहुल गांधी को पासपोर्ट मामले में मिली राहत, अदालत ने तीन साल की दी NOC

वहीं एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि अगर आप संविधान पढ़ेंगे तो यूनियन ऑफ स्टेट मिलेगा। हर राज्य की भाषा, कल्चर को सुरक्षा मिलनी चाहिए। जो बात आप कर रहे हैं वो हमारे संविधान में है। भाजपा और आरएसएस इस इंडिया को अटैक कर रहे हैं। मेरे हिसाब से मैं समझता हूं कि तमिल भाषा, तमिल लोगों के लिए एक भाषा से बढ़कर है। ये उनके लिए भाषा नहीं उनका कल्चर है उनके जीने का तरीका है। मैं कभी तमिल भाषा को थ्रेट नहीं होने दूंगा। तमिल भाषा को थ्रेट करना मतलब आडिया ऑफ इंडिया को थ्रेट करना है। किसी भी भाषा को थ्रेट करना भारत को थ्रेट करना है।

यह भी पढ़ें- राहुल का मोदी सरकार पर निशाना, “महंगाई-बेरोजगारी जनता को चाहे जितनी तड़पाए, मित्रों की तिजोरी भरती जाए”