आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में राज्यसभा में चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती को झटका लगा है। बुधवार को बसपा की ओर से प्रत्याशी रामजी गौतम के दस प्रस्तावकों में से पांच ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया है। ऐसे में अब रामजी गौतम की उम्मीदवारी पर संकट खड़ा हो गया है।
बसपा में उस समय हलचल मच गई जब बुधवार सुबह बसपा के पांच विधायक अचानक विधानसभा अपना प्रस्ताव वापस लेने पहुंचे। प्रस्ताव वापस लेने वालों में बहुजन समाज पार्टी के असलम चौधरी, हाकम लाल बिंद, असलम राईनी, मुज्तबा सिद्दिकी व गोविंद जाटव शामिल हैं। जिससे यूपी की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन पांचो प्रस्तावकों ने आज सुबह ही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात भी की थी।
मालूम हो कि कल ही असलम चौधरी की पत्नी ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली थी। वहीं यूपी में दस राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है, जिसके लिए कुल दस प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा की ओर से आठ, समाजवादी पार्टी के एक, बहुजन समाज पार्टी के एक और एक निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। यूपी में नौ नवंबर को राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान होगा, 11 नवंबर तक नतीजे आ सकते हैं, जबकि ये सीटें 25 नवंबर तक खाली होनी हैं।
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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में अभी 395 (कुल सदस्य संख्या-403) एमएलए हैं, जबकि आठ सीटें खाली हैं। भाजपा के पास फिलहाल 306 विधायक हैं। वहीं, सपा के पास 48, बसपा के पास 18, कांग्रेस के सात, अपना दल के पास नौ और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायक हैं, जबकि चार निर्दलीय और एक निषाद पार्टी से विधायक हैं।
मौजूदा गणित के अनुसार, बीजेपी अपनी आठ सीटों पर आसानी से जीत दर्ज कर सकती है, जबकि समाजवादी पार्टी के पास भी जीतने का मौका है, लेकिन बसपा के प्रत्याशी और निर्दलीय उम्मीदवार के बीच मुकाबला हो सकता है और अब बसपा प्रत्याशी के प्रस्तावकों ने जो झटका दिया है, उससे मुश्किल अधिक बढ़ गई है।