आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण के लगातार सामने आ रहे मामले को देखते हुए उत्तर प्रदेश में कोरोनो वायरस महामारी को एक माह के लिए आपदा घोषित कर दिया गया है। मंगलवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की स्वीकृति के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इस स्थिति में आपदा के लिए बजट में आवंटित धनराशि का प्रयोग कोरोनो वायरस के संक्रमण को रोकने में किया जा सकता है।
अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा है कि भारत सरकार के आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-2 की उप धारा (डी) और उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंध अधिनियम-2005 की धारा-2 की उप धारा (जी) में किए गए प्रावधान के क्रम में कोरोना वायरस (सीओवीआइडी-19) के कारण फैल रही महामारी को आपदा घोषित किए जाने की राज्यपाल ने स्वीकृति दे दी है।
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अधिसूचना के अनुसार इस दौरान आपात सामग्री की खरीद के संबंध में छूट दी जा रही है, लेकिन यह सिर्फ एक महीने के लिए होगी। यह छूट उन्हीं वस्तुओं की खरीद के लिए सरकार ने दी है, जो चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के नॉर्म्स में कोरोना वायरस के उपचार और रोकथाम के लिए आवश्यक हैं।
वहीं जरूरत होने पर अनुमोदन के बाद इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है। डीएम और अन्य विभाग को अगर स्थानीय स्तर पर इन मेडिकल उपकरणों या अन्य सामग्री की खरीद करनी हो, तो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग की गाइडलाइंस माननी होगी।
बताते चलें कि इससे पहले मंगलवार को दिन में यूपी सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रदेशभर में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। वहीं लॉकडाउन के दूसरे दिन पुलिस की सख्त कार्रवाई का सिलसिला जारी रहा। प्रदेश के 17 जिलों में लॉकडाउन तोड़ने वालों के खिलाफा कुल 1002 एफआइआर दर्ज की गईं। इसमें पुलिस ने 52 लाख रुपए से ज्यादा का जुर्माना वसूला।