कांग्रेसी नेता ने कहा, भगवान राम के पुजारी नहीं व्‍यापारी हैं भाजपा के नेता

कांग्रेस पार्टी

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। राम मंदिर को लेकर आज कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के आरोपित नेता विवादित ढांचे को लेकर जनता के बीच बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, लेकिन कोर्ट में कुछ और ही कह रहे हैं।

कांग्रेस के प्रवक्‍ता अरुण प्रकाश सिंह ने मामले में आरोपित भाजपा नेताओं को निशाना बनाते हुए कहा कि जिस तरीके से विवादित ढांचे का विध्वंस करने के साथ ही उसके मुकदमें को 25 वर्षों तक कानूनी जटिलताओं के तहत इन नेताओं ने उलझाए रखा।

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सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद पुनः इनके मुकदमें शुरू हुए और कल सीबीआई की विशेष अदालत ने इनके ऊपर लगे हुए आरोपों को मान लिया। इसके बाद भी जिस तरीके से केंद्रीय मंत्री उमा भारती एवं भारतीय जनता पार्टी के अन्‍य वरिष्ठ नेता टीवी डिबेट व अन्‍य मीडिया में बढ़चढ़कर विवादित ढांचे को गिराने को लेकर गौरवान्वित होने का बयान दे रहे हैं और कह रहे हैं कि जेल जाने से लेकर मरने तक तैयार हैं।

लेकिन यही बयान उमा समेत अन्‍य नेताओं केा स्वयं अदालत में जाकर अपना बयान दर्ज करा देना चाहिए। लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे है। भाजपा नेताओं की अदालत में कुछ व जनता में दूसरी बयानबाजी से उसका दोहरा चरित्र साबित है।

प्रवक्ता ने कहा कि अदालत के अन्दर यह कहना कि ढांचा विध्वंस की घटना से हमारा कोई लेना देना नहीं है और बाहर जनता में यह कहना कि इस कलंक को मैंने धो दिया निश्चित रूप से यह सिद्ध करता है कि राम के नाम को यह लोग 2019 की चुनावी गणित के हिसाब से वोटों में भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे यह पूरी तरह से साबित होता है कि भाजपा के नेता भगवान राम के पुजारी नहीं, भगवान राम के व्यापारी हैं।

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उन्‍होंने भाजपा की केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी दूर नहीं हो रही, विकास हो नहीं रहा और अपराध बढ़े हैं। आज भारत के करोड़ों दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग के लोग असुरक्षित एवं मानसिक दबाव में जीने को मजबूर हैं। इन सबसे यूपी समेत भारत की जनता का ध्यान भटकाने के लिए नए तरीके से धार्मिक उन्माद पैदा करने की कोशिश की  जा रही हैं।

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मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के दौरे पर कांग्रेस प्रवक्‍ता ने बयान जारी करते हुए कहा कि आश्चर्य और दुख है कि कल ही भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विवादित ढांचे के विध्वंस को लेकर आरोपित हुए हैं और आज मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ योगी अयोध्या के दौरे पर जाकर वहां से एक नया राजनैतिक और धार्मिक उन्माद का संदेश दे रहे हैं।

जब मुख्यमंत्री स्वयं अपने भाषण में यह कहते हों कि अयोध्या के लिए मैं एक सन्त हूं और उन्हें सरयू के घाटों के नामों का ज्ञान न हो और उन्हें कागज से पढ़ना पड़े, इससे मालूम होता है कि उनकी श्रद्धा, आस्था, सनातन धर्म और भगवान राम में कितना है?

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मुख्यमंत्री द्वारा स्वनामधन्य रामचन्द्र परमहंस की समाधि के जीर्णोद्धार की चर्चा करना बहुत ही आश्चर्यजनक है। खासकर देश और अयोध्या के सन्तों को मैं याद दिलाना चाहता हूं कि रामचन्द्र परमहंस डेढ़ महीने लखनऊ के ही एसजीपीजीआई में इलाज कराते रहे और बीजेपी के किसी भी नेता व मंत्री ने उनका हालचाल तक लेना आवश्‍यक नहीं समझा।

उन्‍होंने आगे कहा कि इलाज के दौरान उनकी मौत हो जाने पर अयोध्या के सरयू के तट पर पूर्व प्रधानमंत्री से लेकर भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता  मंच लगाकर सभा सम्बोधित कर रहे थे।

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अरुण प्रकाश ने कहा कि आज मुख्यमंत्री ने अयोध्या में कहा कि प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार और पुर्नद्धार कराया जाएगा। अगर यह सरकार सबका साथ सबका विकास की बात करती है तो अयोध्या में जिस योजना-परियोजना के साथ मुख्यमंत्री ने अयोध्या के विकास की बात की है चाहे वह रामपैड़ी, रामकथा पार्क, तुलसी उद्यान, रामायण मेला, सरयू महेात्सव यह सब कांग्रेस के समय ही हो गया था आज इसके जीर्णोद्धार की बात करनी चाहिए थी।

इतना ही नहीं इसके साथ आज ही अयोध्या में उसी मंच से श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कुशीनगर, सारनाथ, कौशाम्बी, बहराइच शरीफ, बरेली शरीफ, देवा शरीफ, कलियर शरीफ, सरधना चर्च, गौतमबुद्ध सर्किट आदि के भी विकास की रूपरेखा और धनराशि की व्यवस्था का प्रारूप उन्हें अयोध्या में प्रस्तुत करना चाहिए था। उन्‍हें सभी धर्मों के तीर्थस्‍थलों के विकास की बात करनी चाहिए।