आरयू ब्यूरो, लखनऊ/अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात एसएसएफ के जवान की बुधवार को संदिग्ध परिस्थित में गोली लगने से मौत हो गई। गोली की आवाज सुनकर कर सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे और तुरंत उसे अस्पताल ले गए। जहां ट्रामा सेंटर में जांच के बाद डॉक्टरों ने जवान को मृत घोषित कर दिया। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है। माथे के बीचो-बीच गोली लगने से प्रत्यक्षदर्शी हत्या किए जाने की आशंका जता रहे थे, हालांकि पुलिस ने शाम तक इसकी पुष्टि नहीं की थीं। पुलिस लोगों से पूछताछ करने के साथ ही आसपास लगे सीसीटीवी की फुटेज भी खंगाल रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक मंदिर परिसर में स्थित कोटेश्वर मंदिर के सामने बन रहे वीआइपी गेट पर ड्यूटी कर रहा था। बुधवार भोर में पांच बजकर 25 मिनट की राम मंदिर परिसर में गोली चलने की आवाज आई। गोली की आवाज सुनकर साथी सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे। वहां देखा कि सुरक्षा में तैनात एसएसएफ जवान शत्रुघ्न मौर्य (25) के माथे पर लगने से खून से लथपथ हालत में पड़ा हुआ है। साथी जवान उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां से जवान को ट्रामा सेंटर रेफर किया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जवान की मौत से अयोध्या मंदिर परिसर में हड़कंप मच गया। आईजी और एसएसपी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की जांच की। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की। शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या का मामला माना जा रहा है, लेकिन अन्य पहलुओं पर भी जांच की जा रही है, फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है जवान ने आत्महत्या की है या फिर उसे किसे ने माथे पर गोली मारी है।
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दरअसल शत्रुघ्न मौर्य अंबेडकरनगर के थाना सम्मनपुर के गांव कजपुरा का रहने वाला था। एसएसएफ में तैनात था। स्पेशल फोर्स एसएसएफ को चार साल पहले योगी सरकार ने मंदिर की सुरक्षा के लिए गठित किया था है। मृत जवान के कुछ साथियों का कहना था कि घटना से पहले शत्रुघ्न मोबाइल देख रहा था। वह कुछ दिन से किसी बात को लेकर परेशान भी चल रहा था।
पुलिस ने उसका मोबाइल भी जांच के लिए भिजवाया है। पुलिस ने मृत जवान के परिवार को सूचना दे दी है। परिजन मौके पर पहुंच गए हैं। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार वालों को यकीन ही नहीं हो रहा कि शत्रुघ्न अब इस दुनिया में नहीं है।
तीन महीने पहले भी जवान को लगी थी गोली
बता दें कि मंदिर परिसर में गोली चलने की आज कोई पहली घटना नहीं हुई है। तीन महीने पहले भी राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात जवान को गोली लगी थी। उस केस में कहा गया था कि जवान से खुद ही अपनी राइफिल चल गई थी, जिस कारण उसे गोली लग गई थी। वो बंदूक को साफ कर रहा था। तभी ट्रिगर दबा और गोली जवान को जा लगी।