आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच टीआरपी लेने की होड़ व अपनी-अपनी चहेती राजनीतिक पार्टिेयों को लाभ पहुंचाने के लिए ओपिनियन पोल का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में जहां कुछ राजीनितक पार्टियां ओपिनियन पोल के खेल से खुश हैं। वहीं अधिकतर राजनीतिक दल इससे नाराज हैं।
ऐसे में राष्ट्रीय लोकदल ने ओपिनियन पोल पर आपत्ति दर्ज कराते हुए चुनाव आयोग से कहा है पोल से भ्रम की स्थिति फैलने की वजह से न सिर्फ चुनाव प्रभावित हो रहा है, बल्कि आचार संहिता की भी खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। ऐसे में चुनाव आयोग न्यूज चैनलों पर चल रहे सभी प्रकार के ओपिनियन पोल पर तत्काल रोक लगाए।
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आज इस बारे में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि यूपी विधान सभा चुनाव की घोषणा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आठ जनवरी को की जा चुकी है और दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया चल रही। प्रदेश विधान सभा सात चरणों में कराने का निर्णय आयोग द्वारा किया गया और अंतिम चरण का मतदान सात मार्च को तथा दस मार्च को मतगणना होगी।
ऐसे हालात के बावजूद कई न्यूज चैनलों द्वारा विधान सभा चुनाव को लेकर ओपिनियन पोल दिखाये जा रहे हैं और चुनाव की निष्पक्षता को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है जिससे मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है जोकि आदर्श आचार संहिता का सरासर उल्लंघन है। साथ ही अनिल दुबे ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से यूपी में स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव संपन्न कराने के लिए यूपी में न्यूज चैनलों द्वारा दिखाये जा रहे सभी तरह के ओपिनियन पोल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाये जाने की मांग की है।
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ज्ञापन सौंपने के दौरान अनिल दुबे के साथ राष्ट्रीय लोकदल अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव आरिफ महमूद, रालोद के प्रदेश महासचिव रजनीकांत मिश्रा व मनोज सिंह चौहान भी मौजूद थे।