आरयू ब्यूरो, लखनऊ/प्रयागराज। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालय, मल्टीलेवल पार्किंग और एडवोकेट चैम्बर का शिलान्यास किया। इस दौरान शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारें देश में न्यायिक व्यवस्था की बेहतरी के लिए न्यायपालिका के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश की न्यायपालिका में लोगों का अटूट विश्वास है, इसके बावजूद लोग अदालतों में जाने से हिचकिचाते हैं। यह स्थिति बदलनी चाहिए और यह तभी संभव होगा जब सभी हितग्राही संवेदनशील होकर मिलजुल कर कार्य करें। उच्चतम न्यायालय में हाल ही में महिला न्यायाधीशों को शामिल किये जाने के बारे में राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं में आमतौर पर न्यायिक विवेक के साथ अपनी गतिविधियों को करने की भी प्रवृत्ति होती है, इसलिए हमें अदालतों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ानी होगी।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकार न्यायपालिका के साथ मिलकर काम करना चाहती है और न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए न्याय बहुत महत्वपूर्ण है और अदालतों तथा आम आदमी के बीच की दूरी खत्म होनी चाहिए ताकि लोगों का देश की न्यायपालिका पर विश्वास बना रहे।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि आज का युग डिजिटल युग है और हमने कोरोना काल में इसके महत्व को समझ लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सिस्टम के डिजिटीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए धन उपलब्ध करा रही है। उनका कहना था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय एशिया का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है।
राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का भी शिलान्यास किया जो शहर के झालवा क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। डॉ राजेंद्र प्रसाद के योगदान का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रस्तावित विधि विश्वविद्यालय का नाम भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के नाम पर रखा जाना चाहिए।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इस विश्वविद्यालय के लिए राज्य के लोगों को बधाई दी और कहा कि अगले साल से विश्वविद्यालय का शैक्षणिक सत्र 80 छात्रों के साथ शुरू हो जायेगा। प्रस्तावित विश्वविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में एक हजार से अधिक छात्र कानून की शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इसमें आवास की भी सुविधा होगी। इस अवसर पर समारोह में प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना, कई वरिष्ठ न्यायाधीश, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।