राष्ट्रपति ने खारिज की निर्भया केस के दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका

निर्भया केस
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। निर्भया गैंगरेप के दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को खारिज कर दिया है। बता दें कि दोषी पवन की दया याचिका राष्ट्रपति कोविंद के पास पेंडिग पड़ी होने की वजह से दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तीसरी बार फांसी को टाल दिया था। तीसरे डेथ वारंट के मुताबिक चारों दोषियों को तीन मार्च की सुबह छह बजे फांसी होनी थी, लेकिन दया याचिका राष्ट्रपति के पास होने की वजह से फांसी को टाल दिया गया था।

अभी तक वो सारे पैतरें अजमा चुके हैं। इसलिए इस बार जब कोर्ट चौथा डेथ वारंट जारी करेगा तो उस पर दोषी रोक नहीं लगवा सकेंगे। निर्भया के चारों दरिंदों को मौत से बचाने के लिए उनके वकील कानूनी विकल्पों को अलग-अलग समय पर प्रयोग करके अब तक तीन बार फांसी टलवा चुके हैं, लेकिन माना जा रहा हैं कि इस बार कोर्ट जारी करेगा उसी तारीख को निर्भया के चारों दरिंदें फांसी पर लटका दिए जाएंगे।

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गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप के दोषियों को सात साल बाद भी फांसी नहीं दी जा सकी। सबसे पहले दोषियों के लिए पहला डेथ वारंट जारी किया गया जिसमें 22 फरवरी को फांसी की तारीख तय की गई, लेकिन उस दौरान भी एक दोषी की क्यूरेटिव याचिका के चलते फांसी टाल दी गई थी।

फिर दूसरी और तीसरी बार भी फांसी टलने के बाद अब देश का गुस्सा चरम पर पहुंच गया है। हालांकि दोषियों को खिलाफ पवन की दया याचिका ही एक मात्र सहारा थी जिससे वह फांसी को टाल सकते थे, लेकिन बुधवार को राष्ट्रपति द्वारा याचिका खारिज होने के बाद अब वह उम्मीद भी समाप्त हो गई है।

बता दें निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 को वहशियत करने वाले चारों दोषियों पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह और विनय शर्मा ने अपने सभी कानूनी विकल्प सोमवार तक पूरी तरह आजमा लिए हैं। माना जा रहा अब चारों दरिंदों के पास कोई भी कानूनी विकल्‍प बचा नहीं हैं।

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