आरयू वेब टीम। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक गुरुवार को खत्म हो गई है। बैठक खत्म होने के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट घटने का इंतजार कर रहे लोगों को रेपो रेट में कटौती नहीं करने का फैसला लेते हुए झटका दिया है। आरबीआइ ने कहा कि सर्वसमत्ति से रेपो रेट को बरकरार रखा गया है। यानी रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार है। हालांकि लगातार छह बार बढ़ने के बाद सातवीं बार रेपो रेट ना बढ़ाकर आरबीआइ ने एक तरह से लोगों को राहत भी दी है।
आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमने अर्थव्यवस्था में जारी सुधार को बरकरार रखते हुए आम सहमति से नीतिगत दर को बरकरार रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने स्थिति के मुताबिक कदम उठाएंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इस फैसले से महंगे होम लोन की मार झेल रहे लोगों को राहत नहीं मिल सकी है। रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं किए जाने के बाद अब बैंक कर्ज की ब्याज दर को नहीं बढ़ाएंगे। यानी आप पर कर्ज को बोझ अभी और नहीं बढ़ेगा।
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बता दें कि रेपो रेट बढ़ने से बैंकों को आरबीआई को पहले से ज्यादा ब्याज देना होता है। अगर बैंक को ज्यादा ब्याज लगेगा तो जाहिर सी बात है कि वो आपसे ही वसूलेंगे। बैंक कर्ज को महंगा कर देते हैं। बैंक होम लोन, कार लोन समेत सभी पर्सवल लोन को महंगा हो जाता है। आपको लोन महंगा हो जाता है, ईएमआइ बढ़ जाती है और रेपो रेट कम होने पर यह सभी किस्तें कम होकर आम जनता को राहत पहुंचाती हैै।