बैंक कर्ज मामले पर प्रकाश जावड़ेकर का राहुल पर तंज, “चिदंबरम से लेना चाहिए ट्यूशन”

प्रकाश जावड़ेकर
प्रकाश जावड़ेकर। (फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। देश के बैंकों ने 50 बड़े विलफुल डिफाल्टर्स का 68,607 करोड़ रुपए का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया है। इसको लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए बुधवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से ट्यूशन लेना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘मैं राहुल गांधी के इस आरोप को सिरे से खारिज करता हूं कि मोदी सरकार ने 65,000 करोड़ रुपये माफ कर दिए हैं। एक भी पैसा माफ नहीं किया गया है। कर्ज को बट्टे खाते में डालने का मतलब माफ करना नहीं होता है। राहुल को चिदंबरम से कर्ज माफी और कर्ज को बट्टे खाते में डालने में अंतर समझने के लिए ट्यूशन लेना चाहिए।’

साथ ही प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘कर्ज को बट्टे खाते में डालना जमाकर्ताओं को बैंक की सही तस्वीरें दिखाने की प्रक्रिया है। यह बैंकों को कार्रवाई करने और वसूली करने से नहीं रोकता है। हमने देखा है कि कैसे नीरव मोदी की संपत्ति जब्त और नीलाम की गई। माल्या के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। हाई कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया है।’

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वहीं इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि कांग्रेस के नेताओं ने जानबूझ कर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले, फंसे कर्जों और राइट-ऑफ (बट्टे खाते) पर गुमराह करने की कोशिश की। 2009-10 और 2013-14 के बीच अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने 145226 करोड़ रुपये की राशि को राइट-ऑफ (बट्टे खाते में) किया था।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि एनपीएम के लिए आरबीआइ के तय किए चार साल के प्रावधान चक्र के हिसाब से नियम तय किए गए हैं। यह पूरा हो जाने पर ही बैंक एनपीए को राइट-ऑफ (बट्टे खाते) में डालते हैं, लेकिन वे उधारकर्ता से वसूली की कोशिश जारी रखते हैं। कोई ऋण माफ नहीं किया गया है।

बताते चलें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने सरकार से बैंक घोटालेबाजों के नाम पूछे थे, लेकिन संसद में इन कर्जदारों के नाम छिपाए गये हैं। राहुल ने ट्वीट किया ‘संसद में मैंने एक सीधा सा प्रश्‍न पूछा था। मुझे देश के 50 सबसे बड़े बैंक चोरों के नाम बताइए। वित्तमंत्री ने जवाब देने से मना कर दिया। अब रिजर्व बैंक ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित भाजपा के ‘मित्रों’ के नाम बैंक चोरों की लिस्ट में डाले हैं। इसीलिए संसद में इस सच को छुपाया गया।’

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