RBI का दावा, पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने से बढ़ सकती है राज्यों की परेशानी

आरबीआइ

आरयू वेब टीम। देश में कांग्रेस व आप की राज्य सरकारें अपने यहां पुरानी पेंशन योजना लागू करने की प्लानिंग कर रही हैं। कुछ राज्‍य में तो इसे लागू भी कर दिया है, लेकिन अब इन राज्यों की परेशानी बढ़ सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ राज्यों के पुरानी पेंशन स्कीम पर जोर देने को लेकर चेताया है। आरबीआइ ने कहा कि राज्य पुरानी पेंशन स्कीम लागू करते हैं तो उन्हें वित्तीय प्रबंधन के लिए एक बड़ा खतरा है।

आरबीआइ ने राज्यों के वित्त व्यवस्था पर सालाना रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कोरोना महामारी के बाद राज्यों की वित्तीय स्थिति को काफी आशाजनक बताया है, लेकिन पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर चिंता जाहिर की है। रिजर्व बैंक ने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने से वित्तीय बचत की जो बातें हैं वो कम समय के लिए ही कारगर हैं। आज वित्त का जो खतरा है उसे आगे आने वाले समय में टालने से राज्यों के सामने यह खतरा खड़ा हो जाएगा कि उन्हें आगे चलकर एक बड़े दायित्व को पूरा करना होगा और इसके लिए उन्होंने कोई कोष का इंतजाम भी नहीं किया है।

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दरअसल हिमाचल प्रदेश, झारखंड, पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत कई विपक्षी शासित राज्यों ने परिभाषित लाभ योजना में वापसी की घोषणा की है, जिसमें सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में प्राप्त अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत देने का वादा किया गया है।

आरबीआइ की ताजा रिपोर्ट उस समय आई है जब जब देश में ओपीएस एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। इस साल कुछ बड़े राज्यों में चुनाव है और कई राज्य भी पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ, कई आर्थिक जानकार यह कह चुके हैं कि यह कदम राज्यों के भविष्य पर एक बड़ा बोझ लादने जैसा है।

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