पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ फूटा गुस्सा, महारैली में शिक्षकों-कर्मचारियों का उमड़ा जनसैलाब

आरयू संवाददाता, लखनऊ। राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन पर पुरानी पेंशन बहाली सहित अपनी कई मांगों को लेकर मंगलवार को शिक्षकों एवं कर्मचारियों का जनसैलाब उमड़ा। कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उत्तर प्रदेश के बैनर तले इको गार्डन में एक महारैली का आयोजन किया गया था। रैली को संबोधित करते हुए मंच के अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि अब तक कर्मचारी संगठनों की मांगों पर पूर्व की सरकारें समस्याओं का निराकरण करती थी, परंतु यह पहली सरकार है जो कर्मचारियों द्वारा अपने संघर्षों से अर्जित की गई उपलब्धियों को छीन रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का दस हजार करोड़ का भुगतान सरकार ने रोका हुआ है और एक दर्जन से अधिक भत्ते समाप्त कर दिए गए हैं। दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि प्रधानाध्यापकों के लाखों पर सरकार द्वारा समाप्त कर दिए गए और पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल में एक भी शिक्षकों को पदोन्नति नहीं दी गई है।

रैली की अध्यक्षता कर रहे मंच के अध्यक्ष दिनेश चंद्र ने कहा कि शिक्षामित्र व अनुदेशकों को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया गया है। आंगनबाड़ियों एवं रसोइयां आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, परंतु फिर भी सरकार संवेदनशून्य बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते शिक्षकों एवं कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली सहित सभी मांगों को पूरा नहीं किया तो वे सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और लोकतंत्र का अंतिम अस्त्र भी प्रयोग करने से नहीं चूकेंगे। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह ने कहा कि सरकार के पास अपने शिक्षकों एवं कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए यह आखिरी मौका है।

सरकार को हमारी मांगों के प्रति गंभीर और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाते हुए सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो संगठन राजनैतिक निर्णय लेने में भी कोई हिचक नहीं करेगा। मंच के प्रधान महासचिव सुशील त्रिपाठी ने कहा कि राज्य कर्मचारियों की अनेक समस्याएं सरकार के सामने समाधान के लिए कई बार प्रस्तुत की गई परंतु सरकार ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया।

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उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर तिवारी ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के शिक्षकों एवं कर्मचारियों का पिछले डेढ़ साल के बढ़े हुए महंगाई भत्ते का भुगतान न करके शिक्षकों एवं कर्मचारियों का भारी नुकसान किया है। तयशुदा कैसलेश इलाज सुविधा को लागू नहीं किया। संविदा कर्मियों से बंधुआ मजदूर की तरह कार्य लिया जा रहा है। उन्हें सरकार द्वारा नियमित न करके यह प्रदर्शित किया जा रहा है कि सरकार का मानवीय मूल्यों में कोई विश्वास नहीं है।

ये संगठन रैली में हुए शामिल
महारैली को ध्रुव कुमार त्रिपाठी सदस्य विधान परिषद, सुरेश त्रिपाठी सदस्य विधान परिषद नेता शिक्षक दल, इंजीनियर जीएन सिंह महासचिव यूपी डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ, प्रेम कुमार सिंह अध्यक्ष यूपी मेडिकल एंड हेल्थ मिनि. एसोसिएशन, संजय सिंह अध्यक्ष परिवहन कर्मचारी संघ, विष्णु तिवारी पूर्व अध्यक्ष डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ, अधिनाम श्रीवास्तव प्रदेश अध्यक्ष उद्यान महासंघ, शिवशंकर पांडे कोषाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, अखिलेश अग्निहोत्री अध्यक्ष कोषागार कर्मचारी संघ, अरविंद कुमार वर्मा महामंत्री कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ, शिव गोपाल मिश्रा राष्ट्रीय महासचिव एआईआरएफ/एनआरएमयू, शिवबरन सिंह यादव महामंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, शिव कुमार शुक्ला अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ, रेनू शुक्ला अध्यक्ष कस्तूरबा गांधी बालिका शिक्षक संघ, ब्रह्म कुमार सिंह अध्यक्ष संयुक्त मोर्चा, दीवान जमा साहब महामंत्री उर्दू अरबिया मदरसा शिक्षक संघ, सत्यदेव सिंह प्रदेश अध्यक्ष सेवानिवृत्त पेंशनर्स संघ बेसिक शिक्षा, अंबा प्रकाश शर्मा महामंत्री अधिनस्थ कृषि सेवा संघ उत्तर प्रदेश, विनोद सिंह अध्यक्ष रजिस्टार कानूनगो संघ आदि ने संबोधित किया।

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