आरयू वेब टीम।
हिंगोलिया गोशाला मामले में फैसला सुनाते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार को सुझाव दिया है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि गो वध पर सजा को बढ़ाना चाहिए और यह सजा उम्रकैद तक होनी चाहिए। अभी राज्य में यह सजा तीन साल है।
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जजों की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब पशु बाजार में मवेशियों की बिक्री पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है. इस पर केंद्र और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में विरोध भी हो रहा है। ऐसा ही विरोध प्रदर्शन आईआईटी मद्रास में भी हुआ। वहां पर बीफ फेस्ट के आयोजन के बाद एक छात्र की जमकर पिटाई भी कर दी थी।
पिटाई का आरोप कथित तौर पर राइट विंग हिंदूवादी संगठनों से जुड़े छात्रों पर है। सूरज बीफ फेस्ट का आयोजन करने वाले छात्रों में से एक था। सूरज नाम के इस छात्र को इस कदर पीटा गया कि उसे अस्पताल ले जाना पड़ा। साथ ही पिटाई करने वालों ने बीफ़ पार्टी में शामिल सभी छात्रों को धमकी भी दी है।
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बता दें कि जयपुर के पास स्थित हिंगोनिया गोशाला के लचर प्रबंधन के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी। उसमें इस गोशाला की दुर्दशा पर सवाल उठाए गए थे। वहां के कुप्रबंधन के खिलाफ की गई याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए यह टिप्पणियां की।
वहीं मवेशियों की खरीद-बिक्री को लेकर केंद्र के नए कानून के विरोध में बीफ फेस्ट का आयोजन किया गया था। दूसरी तरफ डीएमके ने बीफ बैन के विरोध में प्रदर्शन किया। डीएमके के प्रदर्शन में खुद स्टालिन शामिल हुए। करीब 300 कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने आज प्रदर्शन किया।