फिल्म निर्माताओं की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रिपब्लिक TV और टाइम्स नाउ से मांगा जवाब, तल्‍ख टिप्‍पणी भी की

दिल्ली हाई कोर्ट

आरयू वेब टीम। दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय में बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं और एसोसिएशनों की और से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूज चैनल रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ को समन जारी किया है। सोमवार को अदालत ने दोनों न्यूज चैनलों को मामले में लिखित जवाब देने को कहा है। दिल्ली हाईकोर्ट 14 दिसंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा। अगली सुनवाई से पहले इन चैनलों को जवाब दाखिल करना है।

साथ ही अदालत ने टीवी चैनल रिपब्लिक और टाइम्स नाउ को निर्देश दिया है कि पूरे बॉलीवुड को आरोपों के कठघरे में खड़े करने वाले गैर जिम्मेदाराना, अपमानजनक या मानहानि करने वाले किसी भी कंटेंट से दूर रहें। बॉलीवुड सेलेब्रिटी के खिलाफ भी किसी भी तरह का मीडिया ट्रायल न करें। इस दौरान जज ने तल्‍ख टिप्‍पणी करते हुए कहा कि रिपोर्टिंग करना मीडिया का संवैधानिक अधिकार है,लेकिन निष्पक्ष तरीके से रिपोर्टिंग होनी चाहिए। उन्होंने दूरदर्शन का जिक्र करते हुए आज यह भी कहा कि अब पूरी दुनिया में फेयर रिपोर्टिंग नहीं हो रही।

…टोन डाउन करने की जरूरत

वहीं जज ने टाइम्स नाउ के वकील की खिंचाई करते हुए कहा कि टोन डाउन करने की जरूरत है। आप जांच कर सकते हैं, लेकिन जिम्मेदारी के साथ। इस दौरान जज ने दिल्ली के एक टीचर पर हुई रिपोर्टिंग का उदाहरण देते हुए कहा, जिसमें मीडिया में कहा गया वो बच्चों का शोषण करती हैं, उसे अपमानित करने की कोशिश की गई, लेकिन बाद में मामला फर्जी निकला

केस दर्ज होने से पहले ही कर दी जाती है नामों की घोषणा

साथ ही जज ने टाइम्स नाउ के वकील से कहा कि चीजों पर पहले से ही धारणा बनाई जा रही है। न्यूज कम होती है और ओपनियन ज्यादा। इंग्लैंड में चार्जेशीट होने के बाद भी आरोपी को पर्सन ऑफ इंटरेस्ट कहा जाता है, लेकिन भारत में केस दर्ज होने से पहले ही नामों की घोषणा कर दी जाती है। स्क्रीन पर आग की लपटें दिखाई जा रही, व्हाट्सएप चैट दिखाए जा रहे हैं अदालत समझ नहीं पा रही है कि हो ये क्या रहा है।

जज ने कड़े लफ्जों में चैनलों से कहा, आप बार-बार सेल्फ रेगुलेशन की बात करते हैं,लेकिन करते कुछ नहीं। कोई नही चाहता कि उसकी प्राइवेट लाइफ को पब्लिक में घसीटा जाए। कोर्ट ने दो हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा तो रिपब्लिक टीवी की वकील ने कहा कि हमें चार हफ्ते दिए जाएं।

गौरतलब है कि बॉलीवुड निर्माताओं की ओर से ये मामला सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद हुई रिपोर्टिंग को लेकर किया गया है। टाइम्स नाऊ और रिपब्लिक चैनल पर गंभीर सवाल उठातेे हुए बॉलीवुड की चार एसोसिएशनों और 34 प्रमुख फिल्म निर्माताओं ने 12 अक्टूबर को दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर किया था। जिसमें कहा कि रिपब्लिक टीवी, इसके अंकर अर्नब गोस्वामी, रिपोर्टर पत्रकार प्रदीप भंडारी, टाइम्स नाउ, इसके प्रधान संपादक राहुल शिवशंकर, एंकर नविका कुमार और चैनल के दूसरे रिपोर्टरों पर गैर जिम्मेदाराना और बॉलीवुड की छवि को धूमिल करने वाली टिप्पणियां कर रहे हैं। लगातार ये लोग बॉलीवुड से जुड़े कलाकारों का मीडिया ट्रायल कर रहे हैं। याचिका में अनुरोध किया गया है कि अदालत समाचार चैनलों को बॉलीवुड हस्तियों का मीडिया ट्रायल और गोपनीयता के उनके अधिकार में हस्तक्षेप ना करने का निर्देश दे।

साथ ही केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के तहत प्रोग्राम कोड का पालन करें और बॉलीवुड के खिलाफ प्रकाशित अपमानजनक सामग्री को वापस लें। सुशांत की मौत को लेकर रिपोर्टिंग का दिया हवाला डीएसके कानूनी फर्म के जरिए दायर वाद में कहा गया है कि ये चैनल बॉलीवुड के लिए अत्यधिक अपमानजनक शब्दों और उक्ति जैसे गंदा और ड्रगी आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं। बॉलीवुड के सदस्यों की निजता का हनन किया जा रहा है और पूरे उद्योग को अपराधियों, मादक पदार्थों का सेवन करने वाला बता कर उनकी प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंचाई जा रही है।

वहीं याचिका में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की रिपोर्टिंग को लेकर कहा गया है कि चैनल एक समानांतर जांच कर रहे हैं और उसे प्रकाशित कर रहे हैं, ये न्याय प्रणाली का मजाक है। याचिका दायर करने वालों में बॉलीवुड के सभी बड़े नाम शामिल इस याचिका को दायर करने वालों में प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन, फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल और स्क्रीनराइटर एसोसिएशन के साथ-साथ 34 प्रोडक्शन हाउस शामिल हैं। जिसमें आमिर खान प्रोडक्शंस, अजय देवगन फफलिम्स, अनिल कपूर फिल्म एंड कम्युनिकेशन नेटवर्क, अरबाज खान प्रोडक्शंस, आशुतोष गोवारीकर प्रोडक्शंस और तमाम बड़े निर्माता शामिल हैं।

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