आरयू वेब टीम।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरि कोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पृथ्वी निगरानी उपग्रह ‘रिसैट-2बी’ को बुधवार तड़के सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करके इतिहास रच दिया। वहीं पीएसएलवीसी46 ने सफलतापूर्वक RISAT-2B रडार पृथ्वी अवलोकन सैटेलाइट को 555 किमी ऊंचाई वाले लो अर्थ ऑर्बिट में इंजेक्ट किया। यह उपग्रह देश की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
मंगलवार को शुरू हुई 25 घंटे की उलटी गिनती खत्म होते ही एजेंसी के भरोसेमंद ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी46) ने 615 किलोग्राम वजनी उपग्रह के साथ आज सुबह साढ़े पांच बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लॉन्च पैड से उड़ान भरी। यह पीएसएलवी-सी46 का 48वीं अभियान था। उड़ान भरने के करीब 15 मिनट बाद रिसैट-2बी (रडार इमेजिंग सैटेलाइट-2बी) को कक्षा में छोड़ा गया। यह उपग्रह निगरानी, कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन समर्थन जैसे क्षेत्रों में मददगार साबित होगा।
यह भी पढ़ें- ISRO की अंतरिक्ष में एक और उपलब्धि, फ्रेंच गुयाना से किया GSAT-31 को लॉन्च, देखें वीडियो
यह उपग्रह ‘रिसैट-2’ का स्थान लेगा। ‘रिसैट-2’ को 2009 में प्रक्षेपित किया गया था। इसरो अध्यक्ष के सिवन ने उपग्रह के प्रक्षेपण से पहले इसे देश के लिए ‘‘अत्यंत महत्वपूर्ण’’ मिशन करार दिया था।
ये है खासियत
-यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं में सहायता करेगा। इस सैटेलाइट के जरिए अंतरिक्ष से जमीन पर तीन फीट की ऊंचाई तक की बेहतरीन तस्वीरें ली जा सकती हैं।
-रीसैट-2बी सैटेलाइट का उपयोग किसी भी प्रकार के मौसम में टोही गतिविधियों, रणनीतिक निगरानियों और आपदा प्रबंधन में आसानी से किया जा सकेगा।
-इस श्रृंखला के सैटेलाइट को सीमाओं की निगरानी और घुसपैठ रोकने के लिए 26/11 मुंबई हमलों के बाद विकसित किया गया था।
यह भी पढ़ें- ISRO ने लॉन्च किया सबसे वजनी सैटेलाइट GSAT-11, ब्रॉडबैंड सेवाओं को मिलेगा बढ़ावा
-रीसैट-2बी सैटेलाइट के साथ सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इमेजर भेजा गया है। इससे संचार सेवाएं लगातार बनी रहेंगी।
-इसरो के अनुसार बादल रहने पर रेगुलर रिमोट सेंसिंग या ऑप्टिकल इमेजिंग सैटेलाइट जमीन पर मौजूद चीजों की स्थिति ढंग से नहीं दिखा पाते। सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इस कमी को पूरा करेगा।
-यह सैटेलाइट हर मौसम में चाहे रात हो, बादल हो या बारिश हो, ऑब्जेक्ट की सही तस्वीर जारी करेगा। इससे आपदा राहत में और सुरक्षाबलों को काफी सहायता मिलेगी।
Indian Space Research Organisation (ISRO) launches PSLVC46 from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota. PSLVC46 will launch the RISAT-2B radar earth observation satellite into a 555 km-altitude orbit. pic.twitter.com/iY2paDVjls
— ANI (@ANI) May 22, 2019