आरयू ब्यूरो, लखनऊ। किसानों के गन्ना का दाम बढ़ाने को लेकर राष्ट्रीय लोकदल ने योगी सरकार के मोर्चा खोलने का मन बनाया है। रालोद ने शुक्रवार को कहा है कि चौधरी चरण सिंह जयंती यानि कल तक गन्ने का दाम योगी सरकार ने नहीं बढ़ाया तो रालोद लखनऊ में “घेरा डालो, डेरा डालो” आंदोलन चलाएगी।
आज प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी देते हुए रालोद के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने मीडिया से कहा कि राष्ट्रीय लोकदल प्रदेश सरकार से लगातार गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहा, लेकिन सरकार मौन साधे हैं। अगर किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयंती 23 दिसंबर तक गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया गया और बकाया भुगतान नहीं हुआ तो रालोद के नेता-कार्यकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के नेतृत्व में 26 दिसंबर को लखनऊ में ‘घेरा डालो, डेरा डालो’ आंदोलन करने के साथ यूपी के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेगे।
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योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि सरकार ने चुनाव में वादा किया था कि गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन के अंदरर मिलों द्वारा नहीं किया गया तो उन्हें ब्याज सहित भुगतान करना पड़ेगा, लेकिन उआज तक न तो कोई कानून इस पर बना और न ही मिल मालिकों पर किसी प्रकार का दबाव बनाकर इसे लागू किया गया।
जानबूझकर मिलों को देर से चलाया गया
किसानों की समस्याओं पर बात करते हुए रामाशीष राय ने कहा कि गन्ना किसान मिलों पर गन्ना गिराकर खेतों में रबी की बुवाई करता है जब मिले जल्दी चलती हैं तो वह खेत खालीकर गेहूं, आलू, सरसों की बुवाई कर देता है, लेकिन इस साल जानबूझकर मिलों को देर से चलाया गया, जिसकी वजह से किसानों की रबी की बुवाई समय पर नहीं हो पाई और वह परेशान हैं।
सिर्फ चुनाव के समय किसानों की बात करती है बीजेपी सरकार
प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार किसानों की बात सिर्फ चुनाव के समय करती है उनका वोट लेती है और बाद में मिल मालिकों के साथ मिलकर किसानों का शोषण करने लगती है। आज भी किसानों का गन्ना मिलों पर लगभग पिछले वर्ष का ही 800 करोड़ से ज्यादा का भुगतान बाकी है।
लागत हुई डेढ़ गुनी, दाम बढ़े सिर्फ दस रुपये
हमला जारी रखते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वहीं गन्ना उत्पादन की लागत पिछले चार सालों में ही डेढ़ गुना बढ़ गयी, लेकिन भाजपा सरकार ने गन्ना मूल्य में मात्र 10 रुपये की बढ़ोतरी की जो ऊंट के मुंह में जीरा समान है। प्रदेश सरकार से उम्मीद थी कि वह यूपी के गन्ना किसानों को अन्य राज्य की तरह गन्ना मूल्य 400 रुपये प्रति कुंतल से अधिक करेगी, लेकिन योगी सरकार मूकदर्शक की भूमिका में है और मिल मालिक की मर्जी पर किसान को छोड दिया है जो गंभीर चिंता का विषय है।