आरयू ब्यूरो
वाराणसी। आज बनारस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सीएम अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रोड शो कर शक्ति प्रदर्शन किया। वहीं दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो मायावती ने पीएम के संसदीय क्षेत्र में ही विरोधियों पर जमकर निशाना साधा।
रोहनिया स्थित एक कॉलेज में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी चाहे कितना ही मंदिरों में मत्था टेक लें लेकिन काशी के पुजारी प्रधानमंत्री आशीर्वाद नहीं देंगे, क्योंकि वे लोग काफी दुखी हैं। यहां तक कि सड़क किनारे खड़े होकर उनपर फूल बरसाने वाले भी उन्हें वोट शायद ही दें। नोटबंदी ने सभी को परेशान कर दिया है।
प्रधानमंत्री के रोड शो में आज की भीड़ को बाहरी बताते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा के रैली में बाहर से भीड़ बुलाई गई थी। इस भीड़ के जरिए भाजपा जनता को गुमराह करना चाहती है, लेकिन जनता सब असलियत जानती है। भीड़ उन जिलों से बुलाई गई थी, जहां चुनाव हो चुके है। किराए की भीड़ वोट नहीं देती। वोट देने वाले लोग उनकी जनसभा में मौजूद है।
भाजपा के साथ ही उन्होंने राहुल और अखिलेश के रोड शो पर भी तंज कसते हुए कहा कि यह लोग बस रोड नापने का प्रयास कर रहे हैं। यह इन पार्टियों की दयानीय स्थिति को दर्शाता है। यह दोनों रोड शो कर दूसरे और तीसरे नंबर के लिए लड़ाई लड़ रहे है। प्रदेश की जनता ने इस बार बसपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनवाने का मन बना लिया है।
अखिलेश यादव को प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर घेरने के साथ ही कहा कि सपा सरकार इस बार नहीं बनने वाली है, यह बात वह भी जानते है। सपा ने अपने स्वार्थ में बसपा की जनहित वाली योजनाओं को बंद करने के अलावा कई का नाम बदलकर अपना बना लिया।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव के वक्त जितने वादे किये थे उसका एक चौथाई हिस्सा भी काम नहीं किया। वाराणसी खुद मोदी के काम न करने का गवाह है। मोदी सरकार ने स्मार्ट सीटी बनाने का लोगों को कोरा सपना दिखाया। वाराणसी में मोदी ने खदु सफाई का बीड़ा उठाया था, लेकिन उसका क्या असर हुआ। चारों तरफ गंदगी फैली रहती है।
चुनावी वादे जनता को याद दिलाते हुए मायावती ने कहा, भाजपा नेताओें ने केंद्र में सरकार बनने से पहले जनता से वादा किया था कि, अगर सरकार बनती है तो जनता के खाते में 15-15 लाख रुपये जमा कराएंगे। उन्होंने लोगों से पूछा क्या किसी के भी खाते में एक भी रुपये मोदी सरकार ने डलवाएं।
नोटबंदी के फैसले पर मोदी सरकार को घेरते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी का जन पीड़ादायी फैसला लिया। मोदी ने यह फैसला सिर्फ अपने राजनीतिक स्वार्थ और और अपने काम की ओर से जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया था।
मायावती ने मोदी सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों और पिछड़ों का शोषण बढ़ा है। मोदी सरकार आरएसएस के एजेंड़े पर काम कर रही है।
यह सरकार पिछड़ों से आरक्षण का हक भी छीनना चाहती है। जिसके लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है, जनता को सावधान करते हुए मायावती ने कहा कि मौका पाते ही यह सरकार आरक्षण समाप्त कर देगी।