लालकृष्ण आडवाणी ने तोड़ी चुप्पी, उठाए BJP के तौर-तरीकों पर सवाल

आडवाणी

आरयू वेब टीम। भारतीय जनता पार्टी द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले अपने वरिष्‍ठ नेताओं से किनारे करने पर लालकृष्ण आडवाणी ने लंबे समय बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्‍होंने गुरूवार को कहा कि उनकी पार्टी ने राजनीतिक रूप से असहमत होने वाले को कभी राष्ट्र विरोधी नहीं माना है। सरकार का विरोध करने वाले राजनीतिक स्वरों को ‘राष्ट्र विरोधी’ करार देने के चलन को लेकर छिड़ी बहस के बीच भाजपा के इस वरिष्ठ नेता की यह टिप्पणी काफी महत्व रखती है।

‘राष्ट्र सबसे पहले, फिर दल और अंत में मैं’ के शीर्षक वाले एक ब्लॉग में आडवाणी लालकृष्ण ने बीजेपी के मौजूदा तौर-तरीकों पर साफ-साफ सवाल उठाए हैं। उन्‍होंने छह अप्रैल को बीजेपी की स्थापना दिवस का हवाला देते हुए याद दिलाया कि वो भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी दोनों के संस्थापक सदस्य हैं और लगभग 70 साल से देश की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने गांधीनगर के लोगों का शुक्रिया अदा किया जहां से वो छह बार सांसद रहे।

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आडवाणी ने आगे लिखा कि उनके जीवन का सिद्धांत रहा है पहले राष्ट्र, फिर दल और अंत में मैं…और मैंने हमेशा उसपर चलने की कोशिश की है। भारतीय लोकतंत्र की खासियत रही है विविधता और अभिव्यक्ति की आजादी। बीजेपी ने शुरुआत से ही अपने विरोधियों को दुश्मन नहीं माना। हमसे सहमत न रहने वालों को भी कभी राष्ट्र विरोधी नहीं कहा सत्य, राष्ट्र निष्ठा व लोकतंत्र पर मेरी पार्टी का विकास हुआ।

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भाजपा नेता ने कहा कि आपातकाल के खिलाफ अभूतपूर्व संघर्ष इन मूल्यों का प्रतीक रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि सब समग्र रूप से भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूती प्रदान करें। आडवाणी ने 2015 के बाद पहली बार अपने ब्लाग पर कोई पोस्ट डाली है।

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