आरयू वेब टीम।
देश की सर्वोच्च अदालत ने आरबीआइ को आरटीआइ के तहत बैंकों की वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट के बारे में सूचना का खुलासा करने का आदेश दिया हैैै, जब तक कि उन्हें कानून के तहत इससे छूट ना मिल जाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआइ को चेतावनी दी कि भविष्य में आरटीआइ के किसी भी तरह के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा।
कोर्ट ने आरबीआइ से आरटीआइ के तहत सूचना के खुलासे पर अपनी नीति की समीक्षा करने के लिए कहा है। जस्टिस एल. नागेश्वर राव तथा जस्टिस एम.आर. शाह की पीठ ने शुक्रवार को आरबीआइ को यह भी चेतावनी दी कि आदेश की अब अवहेलना होने पर गंभीर अवमानना कार्यवाही की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआइ से अपनी नॉन-डिस्क्लोजर पॉलिसी को खारिज करने के लिए कहा है, जो कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करती है।
यह भी पढ़ें- RTI के हवाले से कांग्रेस का दावा RBI ने पहले ही नकार दिए थे कालेधन के खिलाफ नोटबंदी के फायदे, दिए ये तर्क
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में आरटीआइ के तहत बैंकों की सालाना इंस्पेक्शन रिपोर्ट का खुलासा ना करने के लिए आरबीआई को अवमानना नोटिस जारी किया था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय सूचना आयोग (सीइसी) ने कहा था कि आरबीआइ तब तक पारदर्शिता कानून के तहत मांगी गई सूचना देने से इनकार नहीं कर सकता जब तक कि उसे कानून के तहत खुलासे से छूट ना मिली हो।
यह भी पढ़ें- RBI ने लोगों को दी बड़ी राहत, रेपो रेट हुआ कम, लोन हो जाएंगे सस्ते
वहीं, आरबीआई ने अपने पक्ष में दलील दी थी कि वह सूचना का खुलासा नहीं कर सकता क्योंकि बैंक की सालाना इंस्पेक्शन रिपोर्ट में ‘गोपनीय’ जानकारी है। पीठ आरबीआई के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता एस सी अग्रवाल की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी।